Merta: भारतीय थल सेना की आर्मण्ड बटालियन पुणे में कार्यरत रामगोपाल जाखड़ का बीमारी की वजह से निधन होने पर उनके पार्थिव शरीर को पैतृक गांव डोटोलाई लाया गया, जहां सैन्य सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई देते हुए पंचतत्व में विलीन किया गया. मेड़ता उपखंड के डोटोलाई निवासी रामगोपाल पुत्र जगदीश राम जाखड़ ने वर्ष 2012 में भारतीय सेना में अपना कदम रखते हुए भारतीय सैनिक होने के सपने को साकार किया था. 


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भारतीय थल सेना की आर्मण्ड बटालियन पुणे में कार्यरत रामगोपाल के ट्यूमर होने की शिकायत पर सैनिक चिकित्सालय में उपचार हो रहा था, जिसका निधन होने पर शव पुणे से दिल्ली लाया गया, जहां से सड़क के रास्ते उनके पैतृक गांव डोटोलाई पहुंचाया गया. रामगोपाल का शव पहुंचते ही मातम में डूबे ग्राम वासियों ने रामगोपाल अमर रहे के जयघोष के साथ पार्थिव शरीर को नमन किया. 


सैनिक पुत्र के पार्थिव शरीर को शिक्षक पिता जगदीश राम जाखड़ बड़े भाई सीमा सुरक्षा बल के जवान श्याम सुंदर सहित सैन्य अधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ राजनीतिक दलों से जुड़े नेताओं ने अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए. सैन्य अधिकारियों ने सैन्य परंपरा अनुसार सलामी देते हुए राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा रामगोपाल के पिता जगदीश राम की उपस्थिति में पुत्र दिव्यांशु के सुपुर्द किया.


साथ ही पत्नी ने अपने सैनिक पति को अंतिम सेल्यूट कर विदाई दी तो वहीं 4 साल के पुत्र दिव्यांशु में मुखाग्नि देकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया. डोटोलाई ग्राम के सैनिक पुत्र के अंतिम यात्रा में आसपास के गांव के भी लोग शामिल हुए. इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सी आर चौधरी, पूर्व सहकारिता मंत्री अजय किलक, मेड़ता विधायक इंदिरा बावरी, उपखंड अधिकारी पूरण कुमार, तहसीलदार भागीरथ चौधरी, पादु थाना अधिकारी सुमन, सरपंच संघ जिला अध्यक्ष अशोक गोलिया सहित कई गणमान्य लोगों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए.


Reporter: Damodar Inaniya