Deedwana, Nagur News: सूबे के मुख्यमंत्री द्वारा बजट प्रतिवेदन में जिलों की घोषणा से एक तरफ नए घोषित जिलों को लेकर लोगों में खुशी है, तो वहीं दूसरी तरफ जिन क्षेत्रों मे मांग के बावजूद जिले घोषित नहीं किए गए. वहां आक्रोश भी देखने को मिल रहा है, लेकिन डीडवाना कुचामन जिले की घोषणा से लोग कई तरह के कयास लगा रहे हैं. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 18 मार्च को प्रदेश मे 19 नए जिलों की घोषणा करके ना केवल आमजन को चौंका दिया बल्कि राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को भी सकते में डाल दिया है. यहां तक की प्रशासन और सरकार में बैठे जनप्रतिनिधियों को भी इतनी बड़ी घोषणा की अपेक्षा नहीं थी. 19 जिलों की घोषणा के बावजूद भी प्रदेश में वहीं हो रहा है, जिसकी सरकार को आशंका थी और वो है विरोध. जिन क्षेत्रों में लंबे समय से जिले की मांग थी, ऐसे कई क्षेत्रों को दरकिनार करने के आरोप सरकार पर लग रहे हैं. 


वहीं, कोटपूतली-बहरोड़ और डीडवाना-कुचामन को जिला बनाने की घोषणा से लोग अब भी भ्रमित नजर आ रहे हैं. जिले की घोषणा के बाद से ही डीडवाना और कुचामन के लोग एक तरफ जहां सोशल मीडिया पर अलग-अलग मीम्स बन रहे हैं. वहीं, आमजन भी इस घोषणा को समझ नहीं पा रहा है, जबकि दोनों ही क्षेत्रों के विधायक अपने-अपने क्षेत्र में मुख्यालय का दावा सोशल मीडिया पर कर चुके हैं, लेकिन जनता के बीच संशय अब बढ़ता जा रहा है.


इस बीच इस मामले में अब राजनीति बढ़ती जा रही है. एक तरफ जहां डीडवाना विधायक का कहना है कि डीडवाना जिला मुख्यालय है, लेकिन दूसरी तरफ उन्हीं का कहना है कि अभी तय नहीं है कि मुख्यालय कहां बनेगा और संभवतः इसमें बीच का रास्ता निकाला जाएगा और संभावना यह भी जताई जा रही है कि नवगठित जिला डीडवाना-कुचामन का मुख्यालय मौलासर में हो सकता है, जो दोनों के सेंटर मे पड़ता है और डीडवाना तहसील से ही अलग कर के हाल ही में नई तहसील बनाया गया है. 


ऐसे में दोनों ही कस्बे के लोग अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं. सबसे ज्यादा आपत्ति डीडवाना के लोगों को है, लोगों का कहना है कि डीडवाना की जनता की लंबे समय से मांग थी और डीडवाना ही जिला बनने का असली हकदार था, लेकिन राजनीतिक फायदे और नावां विधायक को खुश करने के लिए सरकार ने डीडवाना के साथ कुचामन को जोड़ दिया, जिससे अब संशय की स्थिति बनी हुई है. 


अब इस मामले में राजनीति भी शुरू हो गई है. कल एक दिवसीय दौरे पर कुचामन पहुंचे केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने इसे चुनावी फायदा उठाने के लिए उठाया गया हास्यास्पद फैसला बताया. वहीं, आज डीडवाना भाजपा प्रत्याशी रहे जीतेन्द्र सिंह जोधा ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि सरकार कि इस घोषणा से भ्रम कि स्थिति बनी हुई है, जबकि दोनों ही विधायक अपने-अपने क्षेत्र को केंद्र बिंदु बता रहे हैं. इसकी वजह से डीडवाना की जनता अपने आप को ठगा सा महसूस कर रही है.


गौरतलब यह भी है कि इंफ्रास्ट्रक्चर कि दृष्टि के लिहाज से अगर सरकार जिला कलेक्टर और एसपी के ने जिले में नियुक्ति करती है, तो उसके लिए संसाधनों की उपलब्धता डीडवाना में ही है. वर्तमान में यहां कई सरकारी कार्यालय नए भवनों मे चले जाने की वजह से कई भवन खाली पड़े हैं. वहीं, नवनिर्मित मिनी सचिवालय भी कुछ ही दिनों में उपयोग योग्य होगा. ऐसे में तुरंत प्रभाव से यहां अधिकारीयों और कार्मिकों के लिए व्यवस्था की जा सकती है.


एक तरफ जहां आम जनता इस मामले में भ्रमित नजर आ रही है तो वहीं मामले को लेकर अब राजनीति भी गरमाने लगी है. भाजपा इस मामले को लेकर अब गजट नोटिफिकेशन का इंतजार कर रही है, ताकि स्थिति क्लियर हो सके. भाजपा नेताओं का कहना है कि अगर जिला मुख्यालय डीडवाना के अलावा कहीं पर भी बनता है, तो भाजपा समस्त संगठनों को साथ लेकर बड़ा आंदोलन खड़ा करेगी.


यह भी पढ़ेंः Chaitra Navratri 2023: चैत्र नवरात्रि में इन राशियों पर बरसेगी मां दुर्गा की कृपा, खुल जाएगा सोई किस्मत का ताला


यह भी पढ़ेंः कुंभ और कर्क समेत इन राशियों को मिलेगी सफलता, जानें मेष से लेकर मीन तक का राशिफल