Deedwana: 17 अक्तूबर 2003 को कश्मीर के श्रीनगर में आतंकवादी हमले में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले बीएसएफ के मुख्य आरक्षी राजेंद्र सिंह की शहादत को 19 साल बाद सरकार ने पहचान दे दी है. आतंकवादी हमले में शहीद हुए राजेंद्र सिंह की वीरांगना चांद कंवर को आज बीएसएफ के डिप्टी कमांडेंट सुनील कुमार ने शहादत का प्रमाण पत्र सौंपकर उनकी शहादत को पहचान दी है. डिप्टी कमांडेंट ने वीरांगना को प्रमाण पत्र सौंप कर शहीद के सर्वोच्च बलिदान के लिए सेल्यूट किया. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

वीरांगना को प्रमाण पत्र सौंपते हुए डिप्टी कमांडेंट सुनील कुमार ने बताया कि केंद्र सरकार ने नई पहल करते हुए अर्धसैनिक बलों में सर्वोच्च बलिदान देने वाले जवानों को भी शहीद की उपाधि देने और एक शहीद को मिलने वाली समस्त सुविधाएं देने की शुरुआत की है. इसी के तहत शहीद सैनिक के परिवार से मिलकर कम से कम डिप्टी कमांडेंट लेवल का अधिकारी शहीद के आश्रित को यह प्रमाण पत्र सौंपने का काम करता है. साथ ही शहीद आश्रित को श्री सीमेंट की तरफ से 4000 वर्ग फिट तक के मकान का निर्माण करने के लिए मुफ्त सीमेंट आश्रित को उपलब्ध कराई जाएगी. 


शहीद के बेटे ने इस मौके पर बताया कि हमारे लिए यह गौरव का पल है कि हमारे पिताजी की शहादत को आज सरकार ने पहचान दी है. हालांकि देश के लिए बलिदान देने के लिए वो हमारी नजरों में पहले ही शहीद थे लेकिन सरकार ने आज इसका प्रमाण पत्र सौंपकर शहादत को सम्मान दिया है.


इस मौके पर शहीद की वीरांगना चांद कंवर, शहीद के पुत्र भरत सिंह, राजस्थान ओलंपिक संघ के अध्यक्ष और भारतीय बास्केटबॉल संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अजीत सिंह, एडवोकेट विश्वनाथ प्रताप सिंह, मान सिंह, श्याम सिंह, चंद्र प्रताप सिंह और विनोद सैनी मौजूद रहे. 
Report- Hanuman Tanwar
यह भी पढ़ें- Aaj Ka Rashifal : तुला राशिवालों को आज मिलेगा मेहनत का फल, कन्या राशिवालों के विरोधी होगें परास्त 
अपने जिले की खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें