Nagaur news: राज्य सरकार द्वारा घोषित डीडवाना-कुचामन जिले का जिला मुख्यालय डीडवाना को बनाने की मांग को लेकर संघर्ष समिति का आंदोलन लगातार जारी है. गत 8 जून को सफलतापूर्वक डीडवाना बंद के बाद अब डीडवाना के कस्बों को भी बंद रखकर जिला मुख्यालय की मांग उठाई जा रही है. इसी क्रम में डीडवाना उपखंड के पांच बड़े कस्बों को बंद रखने का ऐलान किया गया था. इसके तहत आज खुनखुना कस्बे पूर्णतया बंद रहा.


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खुनखुना बंद को सभी ग्रामीण जनप्रतिनिधियों सहित खुनखुना व्यापार मंडलों और सामाजिक संगठनों ने समर्थन दिया है, जिससे खुनखुना के सारे बाजार बंद पूर्णतया रहे. बंद का इतना व्यापक असर रहा कि फल सब्जी के थड़ी और ठेले भी पूरी तरह से बंद रहे.
इस मौके पर खुनखुना गांव में रेली निकाली गई, जो विभिन्न मार्गों से होती हुई पुलिस थाना पहुंची, जहां जहां मुख्यमंत्री के ज्ञापन सौंपा गया.


ज्ञापन में संघर्ष समिति ने बताया कि डीडवाना जिले के सभी मापदंड और नियमों को पूरा करता है. 1996 से ही डीडवाना अतिरिक्त जिला मुख्यालय रहा है. डीडवाना में जिला स्तरीय सभी कार्यालय मौजूद है और अब केवल जिला कलक्टर व एसपी के पद ही सृजित करने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि जिला बनाने की मांग 4 दशक पुरानी है. तत्कालीन परमेश्वरचंद, सिंधु कमेटी के अलावा राजस्व मंडल व तत्कालीन नागौर जिला कलेक्टर भी डीडवाना को जिला बनाने की अनुशंसा कर चुके हैं.


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डीडवाना का प्रशासनिक ढांचा बेहद मजबूत है और सड़क व रेल मार्गो से भी डीडवाना के लिए आवागमन की सुविधा उपलब्ध है. डीडवाना की भौगोलिक स्थिति, जनसंख्या, संसाधन व उपलब्ध कार्यालय जिला बनाने के उपयुक्त है. लेकिन मुख्यमंत्री ने डीडवाना-कुचामन के नाम से नए जिले की घोषणा की है, लेकिन जिला मुख्यालय जिला मुख्यालय की अब तक घोषणा नहीं की है. इसलिए डीडवाना में उपलब्ध कार्यालयों, संसाधनों, सुविधाओं और लोगों की मांग व भावनाओं को ध्यान में रखते हुए डीडवाना को ही जिला मुख्यालय बनाया जाना चाहिए.


डीडवाना को जिला बनाने मुख्यालय बनाने को लेकर चरणबद्ध आंदोलन चल रहा है. अब आगामी दिनों में क्रमवार 4 कस्बों को भी बंद रखा जाएगा. संघर्ष समिति द्वारा कल 11 जून छोटी खाटू तहसील बंद रखने का ऐलान किया गया है. इसके बाद 12 जून को तोषीणा, 13 जून को धनकोली और 14 जून को मौलासर कस्बों को बंद रखा जाएगा.