Ladnun: राजस्थान के नागौर जिले के लाडनूं शहर में साहित्यिक गतिविधियों को निरंतर गतिमान रखने वाली साहित्य संगम के तत्वावधान में रविवार को बस स्टैंड मदनलाल भंवरीदेवी आर्य मेमोरियल उच्च माध्यमिक विद्यालय में पाक्षिक काव्य संगोष्ठी का आयोजन जीतमल टाक की अध्यक्षता में हुआ. 


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कार्यक्रम का शुभारंभ मां वीणापाणि की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर वंदना के साथ किया गया. वरिष्ठ साहित्यकार रामबाबू शर्मा ने श्रृंगार रस की रचनाओं से संगोष्ठी में चार चांद लगाते हुए कहा कि दुनिया जन्नत बन जाए गर इंसान को इंसान से प्यार हो जाए. इसी प्रकार महक जाए प्यार से मेरा चमन खिल जाए फूलों की तरह सारे दहन आदि रचनाओं को प्रस्तुत किया. 


युवा कवियत्री परवीना भाटी ने वास्तविक जीवन को लेकर अपनी रचनाओं का पाठ करते हुए कहा कि लिखने को बहुत है मगर लिखते नहीं घाव गहरे है मगर बाहर दिखते नहीं सच को सच तो कह दु पर डर है सच्चे अल्फाज आजकल बिकते नहीं प्रस्तुत की है. राजस्थानी रचनाकार जीतमल टाक ने अपनी रचना इंसान तो इंसान है पर इंसानियत का भरोसा नहीं आज तो दुश्मन क्या दोस्ती पर भी भरोसा नहीं प्रस्तुत की है. 


राज्यपाल से पुरस्कृत शिक्षक शिवशंकर बोहरा ने वक्त की नजाकत पर कविता पेश करते हुए कहा कि खो गए सारे रिश्ते अब यादों के खंडहर शेष है में सत्ता की वरदावली नहीं में जनता की जुबानी हु-हिन्दुस्तानी युवा पत्रकार और लेखक दीक्षांत हिन्दुस्तानी ने देशभक्ति अंदाज में मुझे कुछ नही चाहिए बस तिरंगा वतन चाहिए और बिकते होंगे बाजार में अखबार मगर मेरी खबरें बिका नहीं करती है में सत्ता की वरदावली नहीं में जनता की जुबानी हु सुनाकर वाह-वाही लूटी है. वरिष्ठ पत्रकार जगदीश यायावर ने अंनत इच्छाएं शीर्षक से कविता पाठ करते हुए एक-एक करते पूरी पर सदा रही अधूरी इच्छाएं अनंत सुनाकर तालिया बटोरी. इशरत बानो ने विरह गीत प्रस्तुत करते हुए कहा कि कोई आता है क्या भला जाने के बाद.


Report: Hanuman Tanwar


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