नागौर जिले का एक ऐसा गांव जो अब कहलाने लगा पीटीआई, जानिए क्यों ?
नागौर जिले का एक ऐसा गांव जो अपनी अलग ही पहचान रखता है, चाहे वो समाजिक समरसता की बात हो या फिर एकता की बात या शिक्षा से जुड़ी हुई बात हो. जानें
Nagaur: राजस्थान के नागौर जिले का एक ऐसा गांव जो अपनी अलग ही पहचान रखता है. चाहे वो समाजिक समरसता की बात हो या फिर एकता की बात या शिक्षा से जुड़ी हुई बात हो. ईनाणा गांव में अलग अलग जाति और एक ही गोत्र ईनाणियां के लोग यहां निवास करते हैं. इस गांव में नशामुक्ति सहित विभिन्न कुरीतियों पर वर्षों से बैन के चलते सुर्खियों में रहने वाला नागौर का ईनाणा गांव अब जिले में सर्वाधिक पीटीआई देने वाला बन गया है. यहां शारीरिक शिक्षक भर्ती-2022 परीक्षा का शुक्रवार को जारी हुए परिणाम में एक साथ 30 से अधिक युवा पास हुए हैं. इस गांव में पहले से जिले सहित प्रदेश के अलग-अलग सरकारी स्कूलों में 24 शारीरिक शिक्षक के रूप में सेवा दे रहे हैं. वहीं इस गांव के 11 शारीरिक शिक्षक सेवानिवृत्त हो चुके हैं.
नवचयनित सभी युवाओं को नियुक्त मिलती है तो ईनाणा जिले सहित प्रदेश का संभवत पहला गांव होगा जहां 65 से अधिक पीटीआई होंगे. यही वजह है कि ‘ईनाणा गांव’ को आसपास के लोग अब ‘पीटीआई वाला गांव’ के नाम से भी पुकारने लगे हैं. दरअसल, जिला मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर अजमेर रोड पर स्थित ईनाणा गांव के बुजुर्गों ने 25 साल पहले ही नशे को बेचने और करने दोनों पर पाबंदी लगा दी थी. यहां तक की गांव में दिवाली पर पटाखे और डीजे पर भी बैन है. मृत्यु भोज हो या ओढावनी पहरावनी हो ऐसी कुरुतियों पर भी इस गांव में बैन लग चुका है.
यहां बुजुर्ग युवाओं का ध्यान केवल खेल और पढ़ाई या फिर सामाजिक कार्यो पर केंद्रित करना ही सिखाते हैं. गांव के 11 सेवानिवृत हो चुके पीटीआई से प्रेरणा लेकर यहां के युवाओं ने पीटीआई बनने का सपना देखा और अपनी मंजिल पाने में लगातार कामयाब भी हो रहे हैं. गांव के लाड़लों की इस उपलब्धि के पीछे यहां के बुजुर्गो का सबसे बड़ा योगदान रहा है. उन्होंने गांव के नजदीक 25 बीघा जमीन में खेल मैदान बनाकर दिया है और इस मैदान में सभी खेलों के मैदान भी बनाए गए हैं, जहां रोजाना ‘ईनाणा के भविष्य’ को खेलकूद और शारीरिक अभ्यास करते देखा जा सकता है. इस गांव से अन्य सरकारी विभागों में भी बड़े स्तर पर युवा कार्यरत है, जिसमें शिक्षा, सेना, पुलिस विभाग, राजस्व विभाग तक शामिल हैं. यहां के युवा राज्य से राष्ट्रीय स्तर तक खेल चुके हैं. साथ ही एक हाथ से मुगदर उठाने की भी परम्परा आज भी इस गांव में एक अलग ही पहचान रखता है.
ईनाणा गांव से ये नव चयनित पीटीआई, पूरे गांव ने किया स्वागत
आपको बता दें कि घनश्याम, कैलाश, प्रेम, पुखराज , धर्मेंद्र, राजेन्द्र, सहदेव, दिनेश, रमेश, जितेंद्र, छोटू, प्रकाश, जयसिंह, यशपाल, महावीर, सरोज, अंजू , बबलू , दामोदर, मनीषा, बबीता, श्रीपाल, रमेश, किशन, महेंद्र जांगिड़ राधेश्याम, श्रीराम, प्रहलाद, सतपाल, दिनेश, विनोद, कंचन, सीमा, सरिता, गणेश और विजेंद्र का चयन हुआ है.
ये 11 सेवानिवृत्त पीटीआई
स्व. पुरखराम चौधरी, स्व. हनुमान राम, राधाकिशन ईनाणिया, मोटाराम, धूड़ाराम, नरेंद्र ईनाणिया, सुखाराम ईनाणिया, मोटाराम ईनाणिया, किशना राम ईनाणिया, शैतानराम, सुखराम रिटायर हो चुके हैं. वहीं वर्तमान में 24 पीटीआई विद्यालयों में युवाओं का बना रहे हैं. भविष्य जिला शारीरिक शिक्षक संघ अध्यक्ष जगदीश ईनाणियां बताते हैं कि ईनाणा से वर्तमान में 24 पीटीआई राज्य भर की सरकारी स्कूलों में कार्यरत है, जहां वो बच्चों का भविष्य संवारने में जुटे हैं. नवचयनितों का पदस्थापन मिलते ही सूची 60 से बाहर पहुंच जाएगी. वहीं अब एक साथ 30 से अधिक युवाओं का शारीरिक शिक्षक भर्ती में चैयन होने पर गांव में खुशी की लहर छाई हुई है, तो वहीं एक साथ इतने शारीरिक शिक्षक एक गांव से बनना भी लोगों में चर्चा का विषय बन गया है. वहीं आस पास के गांवों के लोग भी अभी ईनाणा गांव से प्रेरणा ले रहे हैं.
Reporter: Damodar Inaniya
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