Didwana: उदयपुर के घटनाक्रम के बाद प्रदेशभर में राज्य सरकार द्वारा ऐतिहातन धारा 144 और नेटबंदी के बाद आज नागौर जिला कलेक्टर के निर्देश पर आज जिलेभर में उपखंड मुख्यालयों पर शांति समिति की बैठक आयोजित की गई लेकिन डीडवाना उपखंड अधिकारी कार्तिकेय मीणा द्वारा इस संवेदनशील मुद्दे पर बुलाई गई बैठक महज खानापूर्ति साबित हुई. 


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दरअसल उपखंड अधिकारी ने इस बैठक को गंभीरता से नहीं लेते हुए महज कुछेक लोगों को ही इसकी सूचना देकर मीटिंग की खानापूर्ति शुरू कर दी, यहां तक कि बैठक में विभिन्न सामाजिक और धार्मिक संगठनों को भी सूचना नहीं दी गई और ना ही मीडिया को बुलाया गया. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विमल सिंह नेहरा ने जब बैठक में कम लोगों की उपस्थिति देखी तो व्यक्तिगत तौर पर सामाजिक और धार्मिक संगठनों को सूचना देकर बुलाया गया लेकिन एनवक्त पर दी गई सूचना से लोग इस महत्वपूर्ण बैठक में शामिल नहीं हो पाए. ऐसे में सरकार की मंशा कैसे आमजन तक पहुंचेगी यह सोचने वाला विषय है. 


उपखंड अधिकारी कार्तिकेय मीणा से जब मीडिया ने इस बारे में जानने की कोशिश की तो उन्होंने गला खराब होने का बहाना बनाकर कोई जवाब देने से इंकार कर दिया. हालांकि ऐसे संवेदनशील मुद्दे को जब राज्य सरकार द्वारा गंभीरता से लिया जा रहा है लेकिन स्थानीय प्रशासन की उदाशीनता आमजन तक सरकार का मैसेज पहुंचाने में आड़े आ रही है. उपखंड अधिकारी के नकारात्मक रवैये की वजह से एक तरफ जहां शांति समिति की यह बैठक महज खानापूर्ति साबित हुई, वहीं इस बैठक को लेकर सामाजिक संगठनों में भी रोष है.


Reporter: Hanuman Tanwar


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