उपखंड अधिकारी की मार्फत राजस्व मंत्री रामलाल जाट को सौंपे गए ज्ञापन, जानिए पूरा मामला
ज्ञापन में बताया गया कि राजस्व मंडल अजमेर को निर्देशित कर फील्ड में ऐसे प्रशासनिक विसंगति वाले पद स्थापन तुरंत प्रभाव से निरस्त करने की मांग की.
Ladnun: लाडनूं में आज राजस्व अधिकारियों के द्वारा कार्य व्यवस्था के नाम पर विसंगतियों व राजस्व अधिकारियों को बेवजह निलंबन को लेकर दो अलग-अलग ज्ञापन उपखंड अधिकारी की मार्फत राजस्व मंत्री रामलाल जाट व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम सौंपे गए.
उपखंड अधिकारी अनिल कुमार को राजस्व मंत्री रामलाल जाट के नाम सौंपे गए ज्ञापन में सौंपे गए ज्ञापन में बताया गया कि 4 अक्टूबर को अलग-अलग मांगों को लेकर समझौते हुए थे जिनको अभी तक लागू नहीं किया गया है. ज्ञापन में बताया गया कि समझौते के अनुसार नवीन सीधी भर्ती के आरटीएस को जहां प्रशिक्षण के पश्चात सीधे तहसीलदार पद पर पद स्थापित करना था लेकिन ऐसा अभी तक नहीं हुआ है.
ज्ञापन में बताया गया कि राजस्व मंडल अजमेर को निर्देशित कर फील्ड में ऐसे प्रशासनिक विसंगति वाले पद स्थापन तुरंत प्रभाव से निरस्त करने की मांग की. ज्ञापन में बताया गया कि गत चार अक्टूबर को समझौते के तहत अल्पकालीन कार्य व्यवस्था के गलत प्रबंधन को खत्म कर समझौते की पालना करते हुए नायब तहसीलदार के पद को शत प्रतिशत पदोन्नति पद घोषित करते हुए भूअभिलेख निरीक्षक से नायब तहसीलदार के पद पर डीपीसी की जाए. ज्ञापन में बताया गया कि सीधी भर्ती के आदेश को तुरंत तहसीलदार पद पर लगाया जाए. ज्ञापन में इसके अलावा विभिन्न विसंगतियों का जिक्र किया गया.
इसी तरह मुख्यमंत्री के नाम लाडनूं उपखंड अधिकारी अनिल कुमार गढ़वाल को सौंपे गए ज्ञापन में बेवजह राजस्व अधिकारियों को निलंबल, एपीओ व अनुशासनात्मक में कार्रवाई को लेकर लिखा गया.
ज्ञापन में बताया गया कि पिछले 6 माह में प्रदेश में जब भी कोई अप्रिय घटना घटित होती है तो सरकार के द्वारा जिला कलेक्टर व राजस्व अधिकारियों को जिम्मेदार ठहरा दिया जाता है. ज्ञापन में बताया गया कि सीकर जिले के खंडेला उपखंड अधिकारी राकेश कुमार, सीकर जिले के दांतारामगढ़ उपखंड अधिकारी व तहसीलदार को खाटू श्याम मंदिर भगदड़ में डैमेज कंट्रोल के लिए निलंबित कर दिया गया. डूंगरपुर के सागवाड़ा तहसीलदार मयूर शर्मा को बिना प्राथमिक जांच के निलंबित कर दिया गया.
ज्ञापन में बताया गया कि इसी तरह अलवर के उपखंड अधिकारी प्यारे लाल सोठ, तहसीलदार कमल पचौरी, राजसमंद जिले के देवगढ़ तहसीलदार मुकंन सिंह सहित कई अधिकारियों को सरकार व जिला कलेक्टर के द्वारा अप्रिय घटनाओं की जिम्मेदार मानते हुए दबाव वंश इस प्रकार की कार्रवाई कर दी जाती है. ज्ञापन में बताया गया कि आम जन व संपूर्ण राजस्व सेवा संघ की नकारात्मक छवि बनती है.
खबरें और भी हैं...
7th Pay Commission : केंद्रीय कर्मचारियों की जेब में आएंगे 2 लाख, इस तारीख को बकाया DA का भुगतान
श्रीगंगानगर: लुटेरी दुल्हन जेवरात-नकदी लेकर फरार, शादी के बाद युवक के सपने हुए चकनाचूर
नए साल से पहले दिसंबर से मेष-मिथुन के साथ इन राशियों होगी मौज, शुक्र, बुध और सूर्य की कृपा बरसेगी
सौंपे गए ज्ञापन में बताया गया कि इस प्रकार के मामलों में बेवजह राजस्व अधिकारियों पर कार्यवाही नहीं होनी चाहिए. ज्ञापन के जरिए मुख्यमंत्री से मांग की गई कि इस प्रकार की कार्रवाई पर रोक लगनी चाहिए. दिया गया ज्ञापन राजस्थान तहसीलदार सेवा परिषद के बैनर तले मुख्यमंत्री के नाम सौंपा गया. इस मौके पर तहसीलदार डॉ सुरेंद्र भास्कर, नायब तहसीलदार मुस्ताक खां मौके पर मौजूद रहे.
Reporter-Hanuman Tanwar