Merta: जैन धर्म के सबसे बड़े तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ का वार्षिक मेला वरगोड़े निकालने के साथ ही संपन्न हो गया. इस अवसर पर देश के कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालुओं ने भगवान पार्श्वनाथ विशेष पूजा अर्चना कर सुख समृद्धि की कामना की. मेले पर आर्थिक मंदी का असर नजर आया, जहां एक ओर श्रद्धालु बढ़-चढ़कर मंदिर पहुंच रहे हैं, तो वही दुकानों पर इक्का-दुक्का ग्राहक ही नजर आ रहे हैं. लोगों का मानना है कि धीरे-धीरे मेले में रंगत आने लगेगी. 


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जैन धर्म के 38वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ का वार्षिक मेला आज वरगोड़ा निकालने के साथ ही संपन्न हो गया. देश के कोने-कोने से आए जैन श्रद्धालुओं ने भगवान पार्श्वनाथ के चरणों में बैठकर विशेष पूजा-अर्चना करते हुए सुख समृद्धि और खुशहाली की अरदास की. 


कोरोना का काल के 2 वर्षों से अपने आराध्य की पूजा-अर्चना करने से दूर रहे श्रद्धालुओं ने जहां बढ़-चढ़कर मेले में भाग लेते हुए पूजा-अर्चना की तो वहीं दूसरी ओर आर्थिक मंदी का दंश झेल रहे व्यापारी वर्ग को एक बार फिर निराश होना पड़ा. 


किसान एवं मजदूर वर्ग खेत खलियान के कार्यों में व्यस्त होने से मेले में अधिक भीड़-भाड़ नजर नहीं आ रही तो वहीं दूसरी ओर लोगों का मानना है कि धीरे-धीरे ही सही मेले में एक बार रंगत जरूर आएगी. मेले में मनोरंजन के लिए झूले सहित चाट, पकौड़ी, मिठाई एवं अन्य कई स्टाल है और कपड़ों की दुकानें सजी है लेकिन, दुकानों पर इक्का-दुक्का ही ग्राहक देखने को मिल रहे हैं. मेले में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए स्थानीय पुलिस बल सहित नागौर से अतिरिक्त जाब्ता तैनात किया गया है. 


मंदिर ट्रस्ट द्वारा मेले से 9 दिन पूर्व व्यापारियों को मंदिर परिसर में जमीन उपलब्ध कराकर मेले को व्यापक बनाने की तैयारी की जाती रही हैं लेकिन, इस बार मंदी का असर मेले की रौनक फीकी करता नजर आ रहा है. 


Reporter- Damodar Inaniya


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