Mayra 8 crores in Nagaur: राजस्थान का नागौर जिला मायरा भरने की परम्परा में एक बार से चर्चा में है. आज नागौर जिले में इतिहास रचने वाला मायरा भाई ने अपने बहन के भरा. रविवार को मायरे में भाई ने अपनी बहन के आठ करोड़ का मायरा भरा.


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 वहीं मायरा पूरी नागौरी अंदाज से ठींगसरा गांव से रायधेनू गांव पहुंचा जिसमें नागौरी बैलगाड़ी के साथ ट्रेक्टरो को श्रंगार करवाए और ट्रोली में तेजा गायन करते हुए भाई अपनी बहन के मायरा भरने पहुंचे. इस दौरान आपको बता दें कि आज ठींगसरा से समाजसेवी व भामाशाह मेहरिया परिवार द्वारा रायधेनू गांव में अपनी बहन के भरा गया.


 मायरा कुल आठ करोड़ का भरा गया. जिसमें दो करोड़ 21 लाख रुपए रोकड , एक किलो 105 ग्राम सोना , 14 किलोग्राम चांदी ,100 बीघा जमीन , 50 लाख का एक प्लॉट , गेहूं से भरा एक ट्रेक्टर ट्राली अपनी बहन के मायरे में दिया गया. इस सभी की कुल राशि करें तो आठ करोड़ रुपए अनुमानित पहुंच रही हैं. जो नागौर सहित प्रदेश का पहला और एतिहासिक मायरा कहा जा सकता है.


महरिया परिवार के इस मायरे की चर्चा इसलिए भी खास हो गई, क्योंकि भाई ने बहन के लिए 4 करोड़ 42 लाख रुपए की 100 बीघा जमीन भी मायरे में दी है. गुढ़ा भगवानदास गांव में 50 लाख रुपए कीमत की 1 बीघा जमीन भी मायरे में बहन को भाई ने दी है. मायरे में हजारों लोगों की उपस्थिति में भाई ने बहन के यहां 8 करोड़ 1 लाख का मायरा भरा और हजारों लोग इसके साक्षी बने है. इस मायरे ने इतिहास बना दिया. फिलहाल, नागौर जिले में अब तक का यह सबसे बड़ा मायरा भरा गया है. ढींगसरा में जो मायरा भरा गया है वह इसलिए अनोखा हो गया है. क्योंकि इस मायरे में भाई ने अपनी बहन की हर जरूरत को पूरा कर दिया है. भाई ने बहन को जमीन, ट्रैक्टर-टॉली, स्कूटी सहित कई वाहन दिए और करोड़ों के सोने-चांदी के आभूषण दिए. 


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