Nagaur News: नगौर जिले के डीडवाना में मौलासर कस्बे के मनरेगा श्रमिकों को मजदूरी से वंचित करने का मामला सामने आया है.   महिलाओं ने दिए गए ज्ञापन में बताया है कि मनरेगा योजना के वित्तीय वर्ष 2022-23 में इन महिलाओं ने ग्राम पंचायत मौलासर में श्रमिक के रूप में कार्य किया है, मगर सरपंच और कनिष्ठ सहायक ने उनसे निर्धारित 100 दिवस की मजदूरी पूरी नहीं करवाई.


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अधिकांश मजदूरों को 90 से 99 दिवस के मध्य मजदूरी से वंचित कर दिया गया, जिसके चलते लगभग 386 महिला श्रमिकों को राज्य सरकार की इंदिरा गांधी स्मार्टफोन योजना से वंचित कर दिया गया. जबकि गांव की गरीब व दलित महिलाओं का सपना था कि मनरेगा में 100 दिन पूरे होने पर उन्हें भी सरकार की योजना के तहत स्मार्ट फोन का लाभ मिलेगा. लेकिन सरपंच और कनिष्ठ सहायक के जरिए इन महिलाओं के साथ जालसाजी कर इस योजना से वंचित रख दिया गया.


मनरेगा में रोजगार देने में भी उनके साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार किया जा रहा है. ना तो उन्हें निर्धारित समयावधि का रोजगार दिया जा रहा है, ना ही उन्हें सरकार की अन्य योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है. जबकि अनेक ऐसे श्रमिकों की उपस्थिति दर्ज की जा रही है, जो आज तक कार्यस्थल पर काम करने भी नहीं आए.
उन्होंने ज्ञापन में जिला कलेक्टर से सरपंच और दोषी कनिष्ठ सहायक के खिलाफ कार्रवाई कर गरीब मजदूरों को न्याय दिलाने की मांग की है. वही आरएलपी नेता मदन बलारा ने कहा कि आरएलपी द्वारा मजदूरों को न्याय दिलाने के लिए आंदोलन किया जाएगा.


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