रंग धर्मशाला ट्रस्ट की जमीन पर कब्जा, अधिकारियों और नेताओं की मिलीभगत से हुआ कारनामा
Degana News: नागौर जिले के डेगाना नगरपालिका क्षेत्र के रेलवे स्टेशन के सामने स्थित सार्वजनिक रंग धर्मशाला की जमीन पर कितलसर निवासी गजेंद्र सिंह ने अपनी निजी सम्पति बताकर अवैध निर्माण कर क्षेत्र के लोगों कों करोड़ो में बेचने का मामला सामने आया है.
Degana, Nagaur: नागौर जिले के डेगाना नगरपालिका क्षेत्र के रेलवे स्टेशन के सामने स्थित सार्वजनिक रंग धर्मशाला की जमीन पर कितलसर निवासी गजेंद्र सिंह ने अपनी निजी सम्पति बताकर अवैध निर्माण कर क्षेत्र के लोगों कों करोड़ो में बेचने का मामला सामने आया है. इसको लेकर मंगलवार कों नितीश मेहश्वरी, हनु प्रसाद सोनी, शिव प्रसाद सोनी के द्वारा ट्रस्ट की जमीन पर अवैध कब्जा करने वाले व्यक्ति के खिलाफ कार्यवाही करने कों लेकर ज्ञापन सौंपा गया.
ये है पूरा मामला
डेगाना रेलवे स्टेशन के सामने रंग धर्मशाला ट्रस्ट के नाम से सन 1911 में सार्वजनिक सराय के लिए मारवाड़(जोधपुर) द्वारा पट्टा जारी कर सार्वजनिक ट्रस्ट के नाम की गई थी. इसका प्रयोजन धार्मिक और दान के रूप में किया जाना था. लेकिन उस ट्रस्ट के सारे व्यक्ति वर्तमान समय में जीवित नहीं होने की वजह से कितलसर निवासी गजेंद्र सिंह ने रंग धर्मशाला की जमीन कों अपनी निजी सम्पति बताते हुए कब्जा कर उस पर चार मंजिल बिल्डिंग बनाकर अलग -अलग लोगों कों बेच दी गई. जो की पूर्ण रूप से अवैध निर्माण हैं. और आज भी इस जमीन पर वर्तमान समय में भी निर्माण कार्य चालू है.
पालिका ने ट्रस्ट की जमीन पर एक साल के लिए दी थी स्वीकृति
जानकारी के अनुसार डेगाना रेलवे स्टेशन के सामने ट्रस्ट की रंग धर्मशाला के नाम से जमीन पर नगरपालिका के द्वारा 2018 में एक साल के लिए निर्माण करने की स्वीकृति प्रदान की थी. उसके बाद 4 साल से निर्माण के लिए कोई स्वीकृति नहीं दी गईं उसके बावजूद ट्रस्ट की जमीन पर करोड़ो रुपयों का अवैध निर्माण कर सेंकड़ो लोगों कों बेच दी गईं.इसमें डेगाना क्षेत्र के जो भी लोग आपत्तिया उठाई उसको एक दुकान गिफ्ट के तौर पर आवाज उठाने वाले कों दें दी गईं. उसकी वजह से आवाज उठाने वालों की आवाज बंद कर दी गईं.
1968 में प्राइवेट ट्रस्ट बनाने वालों की हो चुकी है मौत
डेगाना में रंग धर्मशाला की जमीन कों 1968 में ट्रस्ट के रूप में चलाया जा रहा था. जिसमें क्षेत्र के फुटपात पर रहने वाले लोगों सहित जरूरतमंद लोगों कों रहने के लिए दान कर रखी थी लेकिन 1968 में प्राइवेट आदमियों ने ट्रस्ट के रूप में चलाना शुरू कर दिया. लेकिन कुछ वर्षो के बाद ट्रस्ट कों चलाने वाले सदस्यों की मौत हो जाने के बाद गार्ड के रूप में रहने वाले कितलसर के व्यक्ति ने कुछ वर्षो तक रंग धर्मशाला का निशुल्क संचालन किया.
2010 में निशुल्क संचालन करने वाले गार्ड की भी मौत हो गई. उसके बाद निशुल्क संचालन करने वाले व्यक्ति के बेटे गजेंद्र सिंह कितलसर ने रंग धर्मशाला की जमीन पर अपना निजी हक जताते हुए अधिकारियों की मिली भगत से ट्रस्ट की जमीन पर कब्जा कर लिया गया और 2018 में नगरपालिका से एक साल की स्वीकृति लेकर ट्रस्ट की जमीन पर अवैध निर्माण शुरू कर दिया. और उस पर अपनी निजी सम्पति बताते हुए हक जमाना शुरू कर दिया.
उसके बाद सैकड़ों अवैध दुकानों का निर्माण कर क्षेत्र के लोगों कों 30 से 40 लाख रूपये प्रति दुकान के हिसाब से बेचनी शुरू कर दी. इसमें कोई भी व्यक्ति आपत्ति करता था उसको बिना किसी पैसों के एक दुकान दें दी.अब डेगाना के लोगों ने ट्रस्ट की जमीन कों निजी हाथों से छुड़वाकर ट्रस्ट या सार्वजनिक धर्मशाला निर्माण करने की मांग भी की गईं और इस पर अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की गई.
Reporter- Damodar Inaniya