Khinvsar: नागौर जिले के खींवसर उपखंड मुख्यालय के ग्राम पांचला सिद्धा के जसनाथ आश्रम में राजस्थान के फलौदी भाप में सोलर प्लाट के बहाने बड़ी संख्या में काटी जा रही खेजड़ी और अन्य पेड़ों के विरोध में 50 लोगों ने उपवास रखकर विरोध प्रदर्शन किया. 


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इस दौरान जसनाथ आसन के योगेश्वर सूरजनाथ सिद्ध महाराज ने गुरु जसनाथजी महाराज और जंभेश्वर भगवान के उपदेषों को बताते हुए कहा कि सनातन धर्म में हमारे गुरुओं ने धरती को मां बताया है. पेड़ों धरती का सृंगार और जीवन का आधार बताया. 


पेड़ हमें प्राण वायु देते हैं. अगर विकास के नाम पर इस तरह पेड़ काटेंगे तो मानव समाज और प्राणी जगत के लिए नुकसान है. इस पर सरकार को पुनः विचार करना चाहिए. यदि खेजड़ी और अन्य मरुस्थलिय पेड़ों को काटना नहीं रोका गया तो हम बड़ा जन आंदोलन कर लोगों को प्रकृति संरक्षण के प्रति जागृत करेंगे. खेजड़ी को काटने नहीं देंगे. 


इस अवसर पर संयुक्त राष्ट्र संघ के पर्यावरण पुरस्कार लैंड फॉर लाइफ से सम्मानित प्रोफेसर श्यामसुंदर जानी पर्यावरणविद ने कहा कि मानव सभ्यता विकास के नाम पर विनाश की ओर बढ़ रही है. प्रोफेसर ने खेजड़ी का महत्व भी बताया और कहा पर्यावरण के प्रति सचेत रहना होगा. 


उन्होंने जसनाथजी महाराज की पर्यावरण संदेश को मानव सम्पूर्ण मानव जाति के लिए हितकारी बताया. उन्होंने कहा कि पेड़ों को लगाने से ज्यादा उन्हें बचाना ज्यादा जरूरी है. प्रोफेसर के सानिध्य में श्रीदेव जसनाथ वानिकी यात्रा जो राजस्थान के 100 गांव में पर्यावरण संगोष्ठी कर पर्यावरण के प्रति लोगों को जागृत करने का काम कर रहे हैं. 


इस दौरान आए हुए लोगों को खेजड़ी के पेड़ों के महत्व के बारे में जानकारी दी और कहा कि खेजड़ी से हमें प्राणवायु के साथ साथ उनके प्रकार से उपयोग में लिया जाता है. इस दौरान हमें पेड़ लगाने से अधिक जो पेड़ लगे हैं, उनकी देखभाल कर उनको बचाना जरूरी है. साथ हीं, जीवन में प्रतिवर्ष हमें दो पेड़ लगाकर उनकी देखभाल करके बड़ा करना चाहिए. 


Reporter- Damodar Inaniya


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