नागौर: प्रदेश इन दिनों शीतलहर और पाले की चपेट में है जिसका सबसे बुरा असर रबी की फसल पर देखने को मिल रहा है. डीडवाना तहसील क्षेत्र के गांवों मे कड़ाके की सर्दी और पाला पड़ने से फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. पाला पड़ने से सरसों फसल बुरी तरह से बर्बाद हो गई है, जिससे किसानों को भारी नुकसान पहुंचा है. इस कारण मजबूर किसान खुद अपनी फसलों को नष्ट कर रहे हैं. अखिल भारतीय किसान सभा की ओर से बर्बाद हुई फसलों का मुआवजा दिलाने की मांग को लेकर उपखंड कार्यालय के सामने धरना देकर प्रदर्शन किया गया.


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इस धरने में किसान अपने साथ बर्बाद हुई फसलों को लेकर भी पहुंचे. जिन्हें अधिकारियों को दिखाकर वास्तविक खराबी की जानकारी दी. किसान नेताओं के मुताबिक, प्राकृतिक प्रकोप के कारण सरसों और जौं कि 100 प्रतिशत फसलें खराब हो गई है, वहीं, रबी की अन्य फसलों को भी 70 से 80 प्रतिशत तक नुकसान पहुंचा है, जिससे किसान को भारी आर्थिक नुकसान पहुंचा है.


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किसानों पर पड़ रही दोहरी मार


पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रहे किसानों पर फसल खराब होने से दोहरी मार पड़ी है.आज किसान खून के आंसू रोने ओर आत्महत्या को मजबूर ह ,इसके बावजूद पटवारी और गिरदावर फसल खराबे का आंकलन करने अब तक खेतों में नहीं पहुंचे हैं. शीघ् क्षेत्र में विशेष गिरदावरी करवाने के साथ ही इंश्योरेंस कंपनी के अधिकारियों को किसानों को जायज मुआवजा दिलवाने की मांग की है. किसान सभा द्वारा मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन उपखंड अधिकारी को सौंपा गया, जिसमें सरकार से फसल खराबे की गिरदावरी करवाकर किसानों को उचित मुआवजे दिलाने की मांग की गई.


उपखंड अधिकारी जीतू कुलहरी ने बताया कि खराबा मौसम की वजह से फसलों को नुकसान हुआ है इसको देखते हुए कलेक्टर के आदेश पर पटवारियों और गिरदावरों को विशेष गिरदावरी के निर्देश दे दिए गए हैं और इंश्योरेंस कंपनी से किसानों को उनके नुकसान के पूरी भरपाई की कोशिश की जाएगी.