Deedwana News: राजस्थान के डीडवाना जिले के लाडनूं उपखंड के सिंवा गांव में स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र पर कार्यरत स्वास्थ्य कर्मी द्वारा घुमंतू जाति की एक गर्भवती महिला को प्रसव करवाने से मना करने के मामले को राज्य महिला आयोग ने गंभीरता से लिया है.


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इस मामले को लेकर महिला आयोग ने डीडवाना CMHO को पत्र जारी कर उन्हें मामले की पूरी जांच ओर तथ्यों सहित तलब किया है. इसके बाद डीडवाना सीएमएचओ राज्य महिला आयोग के सामने पेश होने जयपुर रवाना हो गए हैं, जहां वे महिला आयोग के सामने मामले से जुड़ी जानकारी प्रस्तुत करेंगे. 



गौरतलब है कि सिंवा गांव में स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र पर 1 जनवरी की रात को घुमंतू जाति की एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा होने पर अस्पताल लाया गया तो वहां कार्यरत स्वास्थ्य कर्मी परमजीत कौर ने महिला का प्रसव करवाने से मना कर दिया. इसके बाद स्वास्थ्य केंद्र के बाहर ही महिला की डिलीवरी हो गई और उसने एक बच्चे को जन्म दिया. इस दौरान कड़ाके की सर्दी में प्रसूता दर्द से तड़पती रही.



वहीं, महिला के परिजनों ने लकड़ी से बच्चे की नाल काटी थी लेकिन डिलीवरी के बाद महिला की लगातार ब्लीडिंग होने लगी. इसके बावजूद एएनएम ने अस्पताल का दरवाजा नहीं खोला. घटना की सूचना पर ग्रामीण एकत्रित हो गए और उन्होंने मौके पर एंबुलेंस को बुलवाया, जिसके माध्यम से प्रसूता और उसके बच्चे को लाडनू के अस्पताल भेजा गया.



लेकिन लाडनूं अस्पताल के चिकित्साकर्मियों ने भी मात्र खानापूर्ति कर दी और महिला को उपचार देने की बजाय उसे डीडवाना जिला अस्पताल रेफर कर दिया. बीते दिन 4:30 बजे परिजन प्रसूता को लेकर डीडवाना के बांगड़ जिला अस्पताल पहुंचे, जहां उसे भर्ती कर उपचार दिया गया. बाद में इस मामले में चिकित्सा विभाग ने आरोपी ANM को निलंबित कर दिया था.