Merta: राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित की जाने वाली राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेल प्रतियोगिता महज औपचारिक बनकर रह गई. ग्राम पंचायत स्तर पर आयोजित होने वाली यह ओलंपिक खेल प्रतियोगिता ग्राम पंचायत के बहिष्कार के चलते मात्र औपचारिकता बन सरकारी आंकड़ों को पूरा करने की मजबूरी बन गई है. शिक्षा विभाग जैसे तैसे इस चार दिवसीय प्रतियोगिता को बिना किसी तैयारी के पूरी कराने पर मजबूर है.


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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं खेल मंत्री अशोक चांदना की दूरगामी सोच से ग्रामीण प्रतिभाओं को आगे लाने के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर आयोजित होने वाली राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेल प्रतियोगिता ग्राम पंचायतों द्वारा बहिष्कार करने से औपचारिकता मात्र बनकर रह गई. राज्य सरकार द्वारा ग्राम पंचायत स्तर पर ग्रामीण ओलंपिक खेलों का आयोजन कर कबड्डी, क्रिकेट ,खो-खो ,लॉन टेनिस ,वॉलीबॉल सहित कई खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर तक बढ़ाने की दूरगामी सोच के साथ ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाए गए.


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पंचायती राज मंत्री और सरपंच संघ के बीच उपजे विवाद के चलते ग्रामीणों ओलंपिक खेल प्रतियोगिता का आयोजन खटाई में पड़ गया. जहां एक और इस प्रतियोगिता का आयोजन मजबूरी में शिक्षा विभाग को बिना किसी तैयारी के करना पड़ रहा है तो वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों एवं भामाशाह ने भी इस से दूरी बना ली. अधिकांश जगह पर प्रतियोगिता शुभारंभ के समय कुर्सियां खाली नजर आई. प्रतियोगिता आयोजित करवाने वाले PEEO ने भी माना कि मात्र 9 हजार150 रुपये के बजट में चार दिवसीय प्रतियोगिता संपन्न कराना संभव नहीं. सच कहें तो इस प्रतियोगिता की सफलता के घोड़े कागजी फाइलों में दौड़ते नजर आएगें.


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मेड़ता रोड सरपंच प्रेम झोठवाल ने राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेल से दूरी पर अपना वक्तव्य देते हुए कहा कि जब तक राजस्थान का सरपंच संघ की मांगों को पूरा नहीं करती तब तक किसी भी सरकारी आदेश की पालना नहीं की जाएगी.


REPORTER - DAMODAR INANIYAN