Shardiya Navratri 2023: शक्ति आराधना का महापर्व नवरात्रि शुरू, नागौर में कलश यात्रा निकाल कर शारदीय नवरात्रि पर घट स्थापना
Shardiya Navratri 2023: शारदीय नवरात्रि पर्व 15 अक्तूबर, रविवार से आरंभ हो गए हैं. राजस्थान के नागौर के रियांबड़ी उपखण्ड सहित आसपास के गांवो के घरों व मंदिरों मे शारदीय नवरात्रा पर शुभ मुहूर्त मे मां दुर्गा की घट स्थापना की गई.
Shardiya Navratri 2023: शारदीय नवरात्रि पर्व 15 अक्तूबर, रविवार से आरंभ हो गए हैं. राजस्थान के नागौर के रियांबड़ी उपखण्ड सहित आसपास के गांवो के घरों व मंदिरों मे शारदीय नवरात्रा पर शुभ मुहूर्त मे मां दुर्गा की घट स्थापना की गई. रियांबड़ी उपखण्ड मुख्यालय के कबूतर चौक मे हिन्दू उत्सव सेवा समिति के तत्ववधान मे शोभायात्रा निकाली गई. शोभायात्रा मे महिलाओं व बालिकाओं द्वारा कलश यात्रा निकाली गई. मातृ शक्ति को केसरिया साफा पहनाकर घोड़ों पर बैठाकर डीजे की धुन पर बजरंगगढ़ बालाजी से कलश यात्रा प्रारम्भ होकर मुख्य मार्गों से होते हुए कबूतर चौक पहुंची जहां मातारानी का पंडाल सजाया गया.
नागौर के रियांबड़ी में शुभ मुहूर्त में हुआ घट स्थापना
शारदीय नवरात्रि पर्व की प्रतिपदा तिथि 14 अक्तूबर, शनिवार की रात 11:26 मिनट से प्रारंभ होकर 15 अक्तूबर को देर रात 12:33 मिनट पर समाप्त हो रही है. चित्रा नक्षत्र और वैधृति योग हो तो उस समय कलश स्थापना नहीं की जा सकती, लेकिन शास्त्रों के अनुसार चित्रा नक्षत्र के तीसरे चरण से चौथे चरण तक कलश स्थापना की जा सकती है. पंचांग के अनुसार 14 अक्तूबर, शनिवार को सायं 4:25 मिनट पर चित्रा नक्षत्र शुरू होगा. यह नक्षत्र रविवार को शाम 6:12 मिनट तक है.
नागौर में शोभायात्रा निकाली गई
घटस्थापना और देवी पूजा प्रात: काल करने का विधान हैं, लेकिन चित्रा नक्षत्र और वैधृति योग में कलश स्थापना वर्जित माना गया है. पंचांग के अनुसार, 15 अक्टूबर, रविवार, चित्रा नक्षत्र सायं 6:12 मिनट तक है और वैधृति योग सुबह 10:24 मिनट तक ही था. हालांकि, विशेष परिस्थितियों में जब चित्रा नक्षत्र और वैधृति योग और चित्रा नक्षत्र के दो चरण व्यतीत हो होने के बाद भी घटस्थापना की गई.
15 अक्तूबर को प्रात: काल में चित्रा नक्षत्र और वैधृति योग के दो दो चरण संपूर्ण हो गई. 15 अक्तूबर 2023 को अभिजीत मुहूर्त 11:31 मिनट से लेकर 12:17 मिनट तक था. इस दौरान घरों व मंदिरों में घटस्थापना की गई.
हाथी पर सवार होकर आई माता रानी
इस बार शारदीय नवरात्रि में माता रानी हाथी पर सवार होकर धरती पर आई. ज्योतिषों के अनुसार यह एक शुभ संकेत है. इस वर्ष सर्वत्र संपन्नता रहेगी और देश में अच्छी वर्षा होने की भी सम्भावना है.