Pali: राजस्थान के पाली नगर परिषद के ठेकेदार ने अपने गांव ढाबर में फंदे से झूलकर आत्महत्या कर ली. नगर परिषद के ठेकेदार हनुमान सिंह राजपुरोहित ने अपने सुसाइड नोट में अपनी मौत का जिम्मेदार नगर परिषद आयुक्त बृजेश राय, सभापति के पति व लेखाधिकारी को बताया. ठेकेदार के परिषद में दो करोड़ से अधिक बकाया है और आयुक्त बिना कमीशन लिए बिल पास नहीं कर रहा था. कलेक्टर को भी मृतक ने ज्ञापन दिया था, लेकिन उसका का भी असर नहीं हुआ आखिर इन सभी बातों से परेशान होकर ठेकेदार हनुमान सिंह ने अपनी इहलीला समाप्त कर ली. ठेकेदार की खुदखुशी के बाद से इलाके में हड़कंप मच गया. हनुमान सिंह ने परिषद में दो करोड़ बकाया और बैंक से 3 डिफाल्टर के बाद मार्किट का पैसा चुकाने के लिए ने अपनी संपत्ति तक बेच डाली थी, लेकिन फिर भी बार बार तकाजा करने के बाद भी आयुक्त बृजेश राय ने इनके बिल पास नहीं किये, क्योंकि उन्हें कमीशन नहीं दिया गया था.


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आयुक्त और लेखाधिकारी के रवैये से सभी ठेकेदार परेशान


ये कहानी केवल हनुमान सिंह की नहीं है, बल्कि परिषद के सभी ठेकेदार आयुक्त और लेखाधिकारी के रवैये को लेकर परेशान हैं. ठेकेदारों का कहना है कि आयुक्त बृजेश राय एक माफिया की कठपुतली बना है, उसके कहे अनुसार ही ठेकेदार के बिल का कमीशन तय होता है, किस फाइल पर कितना कमीशन लेना है वो माफिया तय करता. पिछले दो सालों से आयुक्त भष्ट्राचार में इस कदर डूबे है कि जब तक कि फाइल पर वजन नहीं रखा जाता, गरीब आदमी का पट्टा भी सरकारी योजना में नहीं मिलता है.


ठेकेदार हनुमान सिंह राजपुरोहित की आत्महत्या के बाद आक्रोशित राजपुरोहित समाज के लोग मोर्चरी के बाहर इकट्ठा हो गए है और उनकी मांग है कि जब तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जाता, बकाया राशि एक और बेटे को नौकरी दी जाये, अन्यथा शव नहीं उठाया जाएगा. इस पूरी घटना के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.


Reporter - Subhas Rohiswal 


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