Pali : राजस्थान के पाली में पेयजल संकट चरम पर है. शहर में पेयजल की सप्लाई जलदाय विभाग की मानें तो 5 से 7 दिन में की जा रही है. लेकिन हकीकत कोसों दूर है. कई कॉलोनियों में पानी नहीं आ रहा है . कागाजों में जरूर पानी सप्लाई बताया जा रहा है. लेकिन धरातल पर हकीकत कुछ और ही है.


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हर दिन कॉलोनियों में अलग अलग जगह महिलाओं की तरफ से कभी मटका फोड़कर , तो कभी रोड जाम करके विरोध जताया जा रहा है. लेकिन प्रशासन के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही. ये हालात तब है जब जोधपुर से पानी की ट्रेन पाली लायी जा रही है.


25 MLD पानी की जरुरत लेकिन महज 15 लाख लीटर की आपूर्ति
पूरे पाली शहर को एक दिन में 25 एमएलडी पानी चाहिए. वाटर ट्रेन हर दिन करीब 8 MLD पानी ला रही है और पाली के आस पास के इलाकों से 6 से 7 एमएलडी पानी मिल रहा है. ऐसे में अगर सही प्रबंधन होता तो पानी की कमी को दूर किया जा सकता था लेकिन कुप्रबंधन के चलते हालात बदतर हो रहे हैं.


कहां जा रहा है पाली का पानी ?
स्थानीय जनप्रतिनिधियों का आरोप है की पानी फैक्ट्रियों को बेचा जा रहा है. सवाल ये कि जब पीने के पानी की इतनी किल्लत है तो उद्योगों के लिये पानी कहां से आ रहा है. लोगों को कहना है कि पाली विधायक और सांसद भी समस्या कों लेकर गंभीर नहीं है जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है.


नगर परिषद सभापति का पैदल मार्च
स्थानीय समस्या को लेकर नगर परिषद सभापति रेखा भाटी अपने पति के साथ जयपुर तक 300 किमी की पैदल यात्रा पर निकली हुई हैं. रेखा भाटी का कहना है कि पाली की समस्या के समाधान के लिए वो मुख्यमंत्री से पाइप लाइन की मांग करेंगे और मांग पूरी नहीं होने पर सीएमओ के बाहर भूख हड़ताल पर बैठ जाएगें.


रिपोर्टर- सुभाष रोहिषवाल


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