राजस्थान की पगड़ियों से जुड़े चकित करने वाले रहस्य
राजस्थान का नाम आते ही मन में रंग-बिरंगी वेशभूषा, आभूषण, खान-पान और संस्कृति की छवियां उभर आती हैं, राजस्थान के लोग अपनी पहचान को अपनी पगड़ियों से जोड़ते हैं, पगड़ी राजस्थान के पुरुषों का अभिन्न अंग है, जो उनकी आन, बान और शान को दर्शाती है.
राजपूताना पगड़ी
यह पगड़ी राजस्थान के राजपूतों की पहचान है, इस पगड़ी में विभिन्न रंगों की लहरें होती हैं, जो उनकी शौर्य, वीरता और गौरव को दर्शाती हैं, इस पगड़ी को आमतौर पर लंबे और चौड़े कपड़े से बनाया जाता है, लहरिया पगड़ी को विवाह, त्यौहार और शुभ अवसरों पर पहना जाता है.
राजस्थानी ब्राह्मण पगड़ी
यह पगड़ी राजस्थान के ब्राह्मणों की पहचान है, इस पगड़ी में पांच रंग होते हैं - सफेद, लाल, पीला, हरा और नीला, जो उनकी धार्मिकता, ज्ञान, शांति, को दर्शाती है, मौलिया पगड़ी को पूजा, यज्ञ, उपनयन और अन्य धार्मिक अनुष्ठानों पर पहना जाता है
जोधपुरी साफा
यह साफा राजस्थान के जोधपुर शहर का प्रतीक है, इस साफे में एक ही रंग का कपड़ा होता है, जो उनकी एकता, अनुशासन और गरिमा को दर्शाता है, इस साफे को लंबे और चौड़े कपड़े से बनाया जाता है, ता है, जोधपुरी साफा को राजस्थान के अन्य शहरों के लोग भी शान से पहनते हैं.
उदयपुर पगड़ी
यह पग राजस्थान के उदयपुर शहर का प्रतीक है. इस पग में दो रंग होते हैं - लाल और नीला, जो उनकी राजशाही, शक्ति और शांति को दर्शाते हैं, इस पग को लंबे और पतले कपड़े से बनाया जाता है, उदयपुरी पग को राजस्थान के अन्य शहरों के लोग भी इज्जत के साथ पहनते हैं
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