Jaipur: विधानसभा के चुनावी महासंग्राम जीतने के लिए बीजेपी अपने तरकस का हर तीर इस्तेमाल कर रही है. यही कारण है कि बीजेपी चुनाव के लिए नए-नए प्रयोग करती है. इस बार प्रदेश की विधानसभा सीटों पर चुनावी नब्ज टटोलने के लिए बीजेपी प्रदेश के पांच राज्यों के 200 विधायकों को मैदान में उतार रही है. ये विधायक क्षेत्र की पूरी रिपोर्ट तैयार कर अपनी रिपोर्ट सीधे केंद्रीय नेतृत्व को सौंपेंगे. इसके बाद ही बीजेपी विधानसभा क्षेत्रों को लेकर अगली रणनीति बनाएगी. 


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बीजेपी देश में चुनाव हो या अन्य कोई मौका. पार्टी में नवाचार करने के लिए जानी जाती है. इस कड़ी के तहत बीजेपी इस महीने में  प्रदेश की सभी 200 विधानसभा सीटों पर दूसरे प्रदेशों के विधायकों को तैनात कर रही है. हरियाणा, गुजरात, यूपी, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश से 200 विधायक राजस्थान में एक सप्ताह तक काम करेंगे. इस दौरान ये विधायक विधानसभा क्षेत्र की पूरी ग्राउंड रिपोर्ट के साथ वहां की समस्याएं, पार्टी नेताओं की सक्रियता, लोगों तक केंद्र सरकार की योजनाएं पहुंची या नहीं. अभी तक कि भाजपा की योजनाओं की स्थिति, आम ज़न को योजनाओं की कितनी जानकारी है, अभी तक क्या काम हुआ है? और भाजपा की वास्तविक स्थिति क्या है? इन तमाम बातों को लेकर विधायक अपनी रिपोर्ट आलाकमान को सौंपेंगे. 


 राजस्थान चुनाव को लेकर बीजेपी का रोडमैप ? 


सूत्रों का कहना है कि एक अगस्त को हुए बीजेपी के महाघेराव पर तो पीएम मोदी खुद निगाह बनाए हुए थे. ऐसे में स्पष्ट रूप से लगा रहा था कि राजस्थानचुनाव को लेकर बीजेपी रोडमैप तैयार कर चुकी है. यही कारण है कि राजस्थान में भाजपा ने चुनाव जीतने के लिए एक बड़ा प्लान बनाया है. पार्टी ने सभी 200 सीटों की सटीक रिपोर्ट लेने के लिए अपने विधायकों पर भरोसा जताया है. ऐसे में भाजपा अलाकमान ने हरियाणा, हिमाचल, गुजरात, यूपी और उत्तराखंड से 200 भाजपा विधायकों का चयन किया है, जो अपने-अपने राज्य में चुनाव जीतने के माहिर हैं. जिनका परफॉर्मेंस बेहतर रहा है, उन्हें केंद्रीय नेतृत्व ने चयनित कर लिए है, अब उन्हें अगस्त माह में एक-एक विधान सभा सीट पर काम करना रहेगा, उन्हें इसकी पूरी जानकारी दे भी दी गई है. 


गुटबाजी पर पैनी नजर ?


बीजेपी में गुटबाजी अभी खत्म नहीं हो पाई है, भले ही बीजेपी नेता एक जुटता की बात कह रहे हों. पिछले दिनों बीजेपी की ओर से हुए प्रदर्शन के दौरान यह साफतौर पर दिखाई दिया. भाजपा गुटबाजी में उलझी हुई है, इस तरह से सभी चीजों से निपटने के लिए पार्टी ने  यह रणनीति बनाई है.  दरअसल, सूत्र बता रहे हैं कि यहां पर हर एक सीट पर एक-एक विधायक अगस्त माह में एक सप्ताह रहेगा. वहां की पूरी जानकारी जुटाएगा, उसके बाद एक रिपोर्ट तैयार करके भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को भेज देगा, यह काम वो गुपचुप तरीके से करेगा, लोकल स्तर पर पार्टी के लोगों का ज्यादा उपयोग नहीं करेगा .



पूरी चुनावी बिसात और कमान दिल्ली के हाथ ? 


माना जा रहा है कि बीजेपी इस बार टिकट का बंटवारा और चुनाव की पूरी व्यवस्था दिल्ली से कर सकती है, यहां के कुछ प्रमुख नेताओं को संकेत दिए जा चुके है,उन्हें आगे बढ़कर काम करने की बात कही जा चुकी है.एक साल से प्रदेश के नेताओं को एकजुट होकर चुनाव लड़ने का संकेत देने वाले बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व ने अब कमान खुद के हाथों ले ली है. प्रदेश का पूरा चुनावी प्रबंधन केंद्रीय टोली के हाथ में रहेगा. हालांकि प्रदेश के बीजेपी नेताओं से जरूरत के हिसाब से सहयोग लिया जाएगा.  


टिकट में पार्टी की निष्ठा, न कि नेता की


बताया जा रहा है कि  विधानसभा चुनाव में टिकट के लिए भाजपा सिर्फ जिताऊ पर दांव लगाने वाली है और उससे भी जरूरी होगा पार्टी और केंद्र के प्रति निष्ठा. जो भी उम्मीदवार पार्टी और केंद्र के अलावा किसी और को नेता मानता है उसको बाहर का रास्ता देखना प़ड सकता है.  प्रधानमंत्री मोदी का नेताओं को स्पष्ट संदेश है कि जीताने के लिए मोदी ही काफी है, आपको पार्टी की गाइड लाइन का पालन करना है. जैसा कि पहले भी स्पष्ट किया जा चुका है कि चुनाव का चेहरा खुद प्रधानमंत्री मोदी होंगे इसलिए प्रदेश मैं किसी और चेहरे की कोई जरूरत और स्थान नहीं बचता है.


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Vishnu Sharma