ये 25 IAS-IPS राजस्थान BJP में हुए शामिल, अब चाहिए विधायकी का टिकट!
Rajasthan Politics: सरकार के बाद सियासत में ``कुर्सी`` की तलाश, ब्यूरोक्रेट्स की राजनीति में दस्तक, चुनाव लड़ने की जुगाड़ में. पढ़ें पूरी रिपोर्ट
Rajasthan Politics: राजस्थान में बरसाें तक सरकारी कुर्सी की शोभा बढ़ाते रहे नौकरशाह अब सियासी कुर्सी की तलाश में है. यही कारण है कि राजस्थान में चल रहे सत्ता के महा संग्राम के बीच रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट्स ने राजनीति में दस्तक दी है. हाल ही राज्य के करीब दो दर्जन ब्यूरोक्रेट्स ने बीजेपी का दामन थामा है और टिकट पाने की जुगत में है.
राजस्थान में सत्ता के महा संग्राम में फतह हासिल करने के लिए बीजेपी और कांग्रेस के बीच घमासान मचा हुआ है. दोनों ही दलों के नेता और कार्यकर्ता मशक्कत कर रहे हैं कि जैसे तैसे राजस्थान में सत्ता की कुर्सी पर काबिज हो जाएं. सत्ता के इस संग्राम में भाग्य आजमाने के लिए ब्यूरोक्रेट भी मैदान में कूद रहे हैं. राजनीति के मैदान में दमखम दिखाने उतरे ब्यूरोक्रेट्स में ज्यादातर ने भाजपा का दामन थामा. भाजपा ने भी पूर्व ब्यूरोक्रेट्स पर विश्वास जताते हुए उन्हें पार्टी में शामिल किया है. हालांकि पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने के दौरान पार्टी के नेताओं तथा शामिल होने वाले ब्यूरोक्रेट्स ने बिना शर्त सदस्यता ग्रहण करने का दावा किया है, लेकिन यह सब जानते हैं कि राजनीति में बिना शर्त कुछ भी नहीं होता है. इनमें से कई ब्यूरोक्रेट्स ने बीजेपी के आला नेताओं से मिलकर अपना बायोडाटा देते हुए दावेदारी जता दी है.
राजस्थान की राजनीति में ब्यूरोक्रेट का आना नई बात नहीं है, लेकिन यह पहला मौका है जब इतनी बड़ी संख्या में एक साथ कई ब्यूरोक्रेट्स ने बीजेपी की सदस्यता ली है. ब्यूरोक्रेट ने पहले भी राजनीति में कदम रखा और कुछ सत्ता में अच्छी पोजिशन तक भी पहुंचे. इनमें सबसे बड़ा उदाहरण केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव सबसे बड़ा उदाहरण हैं. यही कारण है कि ब्यूरोक्रेट अब सत्ता की चकाचौंध में शामिल हो रहे हैं. इनमें एक दो को छोड़ दें तो ज्यादातर को टिकट मिलना मुश्किल है. पिछले दिनों जज से लेकर डीजीपी रह चुके करीब 2 दर्जन पूर्व IAS, IPS और RAS अधिकारियों ने भाजपा का दामन थामा है. भाजपा में प्रशासनिक अधिकारियों के शामिल होने की एक लंबी फेरिस्त है और यह सूची आने वाले दिनों में और लंबी हो सकती.
भाजपा में शामिल होने वाले पूर्व अधिकारी
सवाई सिंह मीणा- रिटायर्ड आईपीएस,
IAS चंद्रमोहन मीणा,
पूर्व IAS पृथ्वीराज मीणा
IAS , डॉ. सत्यपाल सिंह,
सेवानिवृति IAS भंवर लाल मेघवाल
आईएएस _कैलाश चंद्र वर्मा,
सेवानिवृत आईएएस हनुमान सिंह भाटी,
पूर्व इनकम टैक्स ऑफिसर_ ओमप्रकाश पहाड़िया,
पूर्व मुख्य आयकर आयुक्त _के आर मेघवाल,
पूर्व मुख्य आयकर आयुक्त _नरेंद्र गौड़,
इनकम टैक्स ऑफिसर ओमप्रकाश मीणा,
रिटायर्ड जज _किशनलाल गुर्जर,
मध्य प्रदेश के पूर्व DGP पवन कुमार जैन
पूर्व आईपीएस __गोपाल मीणा,
पूर्व आईपीएस __रामदेव सिंह ,
आईपीएस__सीआर मीना
आइपीएस _जसवंत संपतराम
IAS __मनोज शर्मा
दिनेश रंगा __अतरिक्त आयुक्त स्टेट GST
महेश भारद्वाज __ सेवानिवृत आईपीएस
राजाराम मीणा __ सेवानिवृत जिला शिक्षा अधिकारी.
खेमराज खोलिया __सेवानिवृत RPS
माताराम रिणवा रिटायर्ड RAS
रेल्वे में अधिकारी पद पर रहे __किशन लाल मेघवाल
राजेंद्र नायक - दिल्ली में केंद्रीय सचिव पद से रिटायर्ड
पार्टी की रीति-नीति व मोदी से प्रभावित !
बीजेपी में शामिल होने वाले रिटायर्ड अधिकारी पार्टी की रीति नीति और राष्ट्रवादी विचारधारा तथा पीएम मोदी से प्रभावित होकर संगठन में काम करने की दुहाई दे रहे हैं . लेकिन इनमें से अधिकतर चुनावी मैदान में भाग्य आजमाना चाहते. चंद्रमोहन मीणा बस्सी विधानसभा क्षेत्र, रामदेव सिंह खंडेला विधानसभा क्षेत्र, कैलाशचंद्र वर्मा निवाई विधानसभा क्षेत्र, सत्यपाल सिंह भादरा विधानसभा क्षेत्र, RAS रहे खेमराज खोलिया बगरू विधानसभा क्षेत्र से टिकट की दावेदारी कर रहे हैं, तो वहीं एमपी के पूर्व डीजीपी रहे पवन कुमार जैन राजाखेड़ा से अपनी दावेदारी जता रहे हैं. पूर्व RAS माताराम रिणवा डेगाना से टिकट की मांग कर रहे हैं. इसी तरह दिल्ली से रिटायर्ड आईएएस राजेंद्र नायक सुजानगढ़ से दावेदारी जता रहें हैं. इस बीच साेमवार को पार्टी में आए सवाई सिंह खींवसर से दावेदारी जता रहे हैं. पार्टी से टिकट मिलेगा या नहीं यह तो भविष्य के गर्भ में है. लेकिन ब्यूरोक्रेट्स के भाजपा से जुड़ाव की सियासी गलियारों में जबरदस्त चर्चा है.
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