Rajasthan News : गांव की सरकार के मुखियाओं ने 24 अप्रैल से शुरू होने वाले महंगाई राहत कैंप का बहिष्कार कर दिया है.सरपंचों ने अपनी मांगों को लेकर प्रशासन गांवों के संग अभियान से पहले ही मोर्चा खोल दिया है.सरंपचों ने दूसरे धडे ने भी काम बंद करने का ऐलान कर दिया है.जबकि पहला धडा 20 अप्रैल से सभी पंचायतों में तालाबंदी करेगा.


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राष्ट्रीय सरपंच संघ अध्यक्ष जयराम पलसानिया ने कहा के समझौते के मुताबिक अब तक सरकार ने मांगे नहीं मानी.इससे पहले एक धडा 20 अप्रैल से ताबाबंदी की ऐलान कर चुका है.ऐसे में अब पंचायतीराज विभाग के सामने प्रशासन गांवों के संग अभियान को लेकर संकट की स्थिति पैदा हो गई है.


ये है सरपंचों की प्रमुख मांगे


सरपंचों की मांगे है कि सरकार 200 करोड का सकल राजस्व बढाए,पंचायतों में ई-टैंडर को खत्म करे. 73 वां संविधान संशोधन लागू करने,सरपंच कल्याण कोष बनाने की मांग है.राष्ट्रीय सरपंच संघ के अध्यक्ष जयराम पलसानिया ने कहा कि यूपी की तर्ज पर सरपंच कल्याण कोष में सरपंचों की मत्यु पर 10 लाख और पंच की मत्यु पर 2 लाख का मुआवजा दिया जाए.73 वे संविधान संशोधन से सरपंचों के पॉवर बढेंगे,फिलहाल सरपंचों के पास 5 विभागों के अधिकार क्षेत्र है,जबकि सरपंचों की मांगे है कि सभी विभागों में उनके अधिकार हो.


उसके अलावा सरपंच संघ राजस्थान में पहले ही ऐलान कर दिया था कि वह 20 अप्रैल से सभी पंचायतों में तालाबंदी करेंगे ऐसे में अब देखना होगा कि दोनों गुटों के ऐलान का कितना असर सरकार के महंगाई राहत कैंप पर दिखाई देता है,क्योंकि दो गुटों में बंटने से सरपंचों का आंदोलन भी कमजोर हो सकता है.ऐसे में अब पंचायतीराज विभाग का क्या रुख रहता है,ये देखना होगा.


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