Rajasthan News: राजस्थान के मुख्य सचिव सुधांश पंत की वर्किंग स्टाइल से सरकारी कर्मचारियों में हड़कंप है. सुधांश पंत पहले जयपुर विकास प्राधिकरण का औचक निरीक्षण करने पहुंच गए तो बाद में जयपुर कलेक्ट्रेट में भी औचक निरीक्षण किया. ऐसे में सरकारी कर्मचारियों के मन में डर बैठ गया है कि कभी भी उनके विभाग में सुधांश पंत औचक निरीक्षण करने पहुंच सकते हैं.


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दरअसल जब सुधांश पंत जयपुर विकास प्राधिकरण और जयपुर कलेक्ट्रेट पहुंचे तो कई अधिकारी अपनी सीट से नदारत मिले तो कई लेट लतीफ थे. वहीं बहुत सारे अधिकारियों की टेबल पर फाइलों का ढेर लगा हुआ था, जो कई महीनो से पेंडिंग थी. मुख्य सचिव ने सरकारी कर्मचारी की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जाहिर की और जल्द से जल्द पेंडिंग फाइलों को निपटाने और समय से ऑफिस आने के निर्देश दिए.


वहीं चर्चा है कि आगामी दिनों में मुख्य सचिव सुधांश पंत कई और सरकारी विभागों के औचक निरीक्षण कर सकते हैं. वहीं पिछले दिनों मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी आधी रात को थाने का औचक निरीक्षण किया था. तो वहीं सोमवार को डिप्टी सीएम डॉ. प्रेमचंद बैरवा भी सिंधी कैंप बस स्टैंड का औचक निरीक्षण करने पहुंच गए, मदन दिलावर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने भी जयपुर के स्कूल का औचक निरीक्षण किया था.


मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और मंत्रियों के साथ मुख्य सचिव के औचक निरीक्षण से सरकारी कर्मचारियों में खलबली है. हालांकि एक सवाल यह भी उठाया जा रहा है कि आखिर सारे औचक निरीक्षण राजधानी जयपुर में ही क्यों किया जा रहे हैं? क्या जयपुर ही राजस्थान है, क्योंकि जब राजधानी में ही सरकारी विभागों के ऐसे हालात है, तो प्रदेश के अन्य भागों में क्या होगा? क्या इस तरह से प्रदेश के अन्य भागों में भी औचक निरीक्षण किया जाएगा? क्या नकेल सिर्फ राजधानी के अधिकारियों की खींची जाएगी या इसका असर दूर तलक हनुमानगढ़, बाड़मेर, बांसवाड़ा, झालावाड़ जैसे जिलों में भी देखने को मिलेगी.