Gajendra Shekhawat Ashok Gehlot : मुख्यमन्त्री अशोक गहलोत ने संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी मामले पर एक बार फिर केन्द्रीय मन्त्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को आड़े हाथ लिया है. मुख्यमन्त्री ने शेखावत को केन्द्रीय मन्त्रीमण्डल से बर्खास्त किये जाने की मांग भी उठाई. सीएम गहलोत ने शेखावत को हाईकोर्ट से संजीवनी मामले में गिरफ्तारी से राहत मिलने के बाद कहा कि आखिर उन्हें हाईकोर्ट जाने की ज़रूरत ही क्यों पड़ी?


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सीएम ने कहा कि अगर वे यह कहते हैं कि वे तो इस मामले में आरोपी ही नहीं हैं तो फिर हाईकोर्ट क्यों गए? गहलोत बोले कि कें​द्रीय मंत्री खुद, उनके परिवार के सदस्य और उनके कुछ परिचित भी इस मामले में मुल्जिम हैं. गहलोत ने कहा कि शेखावत को विदेश की अपनी सम्पत्ति बेचकर पीड़ितों को पैसा लौटाना चाहिए.


सीएम ने कहा कि इस मामले में कई लोग पीड़ित हैं, ऐसे में केंद्रीय मंत्री को शर्म आनी चाहिए. सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री को चाहिए कि वे शेखावत को मन्त्रिमण्डल से बर्खास्त करें. दरअसल पिछले कई बयानों में सीएम गहलोत संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी मामले पर शेखावत को घेर चुके हैं.


मामले को लेकर गुरूवार को राजस्थान हाईकोर्ट ने केंद्रीय मंत्री की याचिका पर उन्हें गिरफ्तारी से राहत दी. हाईकोर्ट ने एसओजी और राजस्थान में दर्ज संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी से जुड़े किसी भी मामले में शेखावत की गिरफ्तारी पर रोक लगाई है.


केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर पलटवार करते हुए कहा कि गहलोत जी सीएम हैं या साजिशकर्ता. षड्यंत्रकारी अगर अपने अधिकार का दुरुपयोग कर बिना सबूत किसी निरपराध को दोषी साबित करना चाहे तो माननीय न्यायालय ही सच और झूठ का फैसला करता है.


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