Rajasthan Politics: कोई चुनाव में टिकिट मांग रहा है तो कोई विरोध कर रहा है. विरोध का किस्सा भी ऐसा कि कहीं पर टिकिट का ऐलान होने या टिकिट काटे जाने के बाद विरोध हो रहा है, तो कहीं पर टिकिट मिलने से पहले ही विरोध के सुर फूट रहे हैं. अब एक और मामला कांग्रेस से आया है. जहां बारां-अटरू सीट से कांग्रेस विधायक पानाचंद मेघवाल पर ब्लॉक कांग्रेस के पूर्व अध्य्क्ष ने एक करोड़ रुपए डकारने का आरोप लगाया है. पूर्व अध्यक्ष बालकिशन नागर ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से अपना पैसा वापस दिलाने की मांग की है तो साथ ही पीसीसी के तीन पूर्व ब्लॉक अध्यक्षों ने मेघवाल पर सट्टे, जुए और स्मैक के कारोबारियों को संरक्षण देने के आरोप लगाते हुए उन्हें टिकिट नहीं दिए जाने की मांग की है.


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राजस्थान विधानसभा में चुनाव की तारीख तय हो गई है और चुनाव की तैयारी चल रही है. इसके साथ ही आपसी विवाद और आरोप प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है. यह पार्टी के भीतर और बाहर दोनों जगह पर चल रहा है. जहां पर पार्टियां एक दूसरे पर हमलावर है. दूसरी तरफ अंदरुनी कलह भी पार्टियों में चल रहा है. इसी को लेकर बारां जिले में कांग्रेस पार्टी के अंदरूनी कलह की दो चिठ्ठी उजागर हुई है. इन चिठ्ठियों में बारां-अटरू सीट से विधायक पानाचंद मेघवाल का चिठ्ठा खोला गया है. कांग्रेस के ही एक पूर्व पदाधिकारी ने हमला करते हुए पानाचंद मेघवाल को टिकट नहीं देने की मांग कर डाली है. इसमें एक करोड रुपए की नगद राशि लेकर प्रधान बनने के लिए लेने की बात भी लिखी है. साथ ही यह भी लिखा है कि यह राशि ब्याज सहित वापस दिलाई जाए. इसके साथ ही विधायक की शह और पुलिस के संरक्षण में जुआ सट्टा चलाने और पुलिस से बंधी लेने की बात भी कही है. इस पत्र के जरिए ही एक दूसरे कांग्रेसी नेता केदार नेनीवाल को टिकट देने की वकालत भी की गई है.


इनमें एक पत्र पूर्व ब्लाक अध्यक्ष अटरू और कांग्रेस के जिला महासचिव बालकिशन नागर ने लिखा है. जबकि दूसरा पूर्व ब्लाक अध्यक्ष लक्ष्मी चंद्र गौतम, कल्याण सिंह मीणा और बालकिशन नागर ने लिखा है.


चिठ्ठी लिखने वाले बालकिशन नागर का कहना है कि उन्होंने यह पत्र आलाकमान को भेजे हैं. इनमें राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकाअर्जुन खरगे, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, एआईसीसी के महासचिव और पूर्व मंत्री जितेंद्र सिंह को भेजें है. इस मामले में पानाचंद मेघवाल से भी बात करने की कोशिश की लेकिन दो बार फोन करने के बाद उन्होंने फोन नहीं उठाया है.


जब रक्षक ही बन जाए भक्षक, तो पार्टी को कौन बचाए?


पत्र में पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष बालकिशन नागर ने आरोप लगाया है कि साल 2022 में हुए पंचायत समिति अटरू के चुनाव में 15 सीट में से कांग्रेस के 9 सदस्य जीत कर आए थे. जबकि एक कांग्रेस का बागी और पांच सदस्य बीजेपी के थे. प्रधान के लिए प्रबल दावेदार उनके भाई की पत्नी वंदना नागर दावेदार थी और कांग्रेस के जीते सदस्यों का समर्थन भी था. नागर ने कहा कि इसके बावजूद क्षेत्रीय विधायक पानाचंद मेघवाल ने एक करोड रुपए की नगद रकम ली. बालकिशन नागर कहते हैं कि उनसे पैसे उस स्थिति में लिए गए जबकि उनकी तीन पीढ़ी कांग्रेस में काम कर रही हैं. नागर ने कहा कि वे 1988 से ग्राम पंचायत अंता के सरपंच रहे. . वहीं 2000 से 2010 तक का अटरू ब्लॉक अध्यक्ष और 2018 से 2022 तक जिला बारां का कांग्रेस कमेटी के महामंत्री रहे.


बालकिशन ने लिखा कि उनका भाई कुंजबिहारी नागर 2000 में कांग्रेस पार्टी से जिला परिषद सदस्य रहा. वर्तमान में छोटा भाई रामेश्वर नागर ग्राम पंचायत पटना से सरपंच और उसकी पत्नी वन्दना नागर पंचायत समिति अटरू में प्रधान के पद पर काम कर रही हैं.


नागर ने की ब्याज सहित पैसा वापस दिलाने की मांग


बालकिशन नागर ने आरोप लगाते हुए कहा कि जब बाड़ ही खेत को खाएगी तो पार्टी कैसे बचेगी? उन्होंने कहा कि पानाचन्द मेघवाल को पार्टी कार्यकर्ताओ ने उनके ब्लॉक अध्यक्ष के कार्यकाल मे सन 2000 में अटरू प्रधान और उसके बाद 2008 में विधायक का चुनाव जिताया. इसके बाद वे 2018 में फिर विधायक बने हैं. नागर ने अपनी चिठ्ठी में कड़े शब्द लिखते हुए कहा कि डायन भी एक घर छोड़ देती है, लेकिन इन्होंने मुझे भी नही छोड़ा. ऐसे में आलाकमान से मांग की गई है कि मेघवाल ने जो एक करोड़ रुपया लिया, वह वापस दिलाया जाए.


कुछ दूसरे मामलों में भी विधायक पर लगे आरोप


तीन पूर्व ब्लाक अध्यक्ष लक्ष्मी चंद्र गौतम, कल्याण सिंह मीणा और बालकिशन नागर ने वरिष्ठ व निष्ठावान काग्रेंस कार्यकर्ताओ की उपेक्षा का आरोप लगाया है, वहीं बीती 9 जुलाई को ननावता में आयोजित बैठक में 2000 कार्यकर्ताओ ने खुली घोषणा की है कि विधायक पानाचंद को 2023 के चुनाव में दोबारा टिकट देने पर खुलकर विरोध किया जाएगा.


इस साल जून में हुई बारां नगर कांग्रेस अध्यक्ष गौरव शर्मा की हत्या में विधायक पानाचन्द मेघवाल के नजदीकी लोगों के नाम सामने आए हैं. इस कारण पूरे बारां जिले में पानाचंद मेघवाल के खिलाफ रोष व्याप्त है. ब्राहमण समाज ने इस मामले में बारां जिला भी बन्द कराया था.


नगरपालिका अटरू में छोटे से लेकर सभी बड़े निर्माण कार्यों में विधायक व उसके नजदीकी लोगो का नियंत्रण है और खुला भ्रष्टाचार है. इनकी जांच में करोड़ों का घपला आएगा. इसमें पुलिस थानों से बंदी लेना, सट्टा, जुआ, शराब का धड़ल्ले से पुलिस संरक्षण में चलवाने के आरोप लगे हैं.


- जालोर की घटना को लेकर विधायक पानाचन्द मेघवाल ने इस्तीफा देकर क्षेत्र के निष्ठावान कार्यकर्ताओं और सामान्य वर्ग के समर्थकों को गहरी चोट पहुंचाई. मुख्यमंत्री गहलोत को भी कहना पड़ा था कि हर गलती कीमत मांगती है, जिसका समय आ जाने की बात इस पत्र में लिखी है.


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