बर्खास्त मंत्री राजेंद्र गुढा ने कांग्रेस पर साधा निशाना, कहा- लूज बॉल फेंकी तो सिक्स लगेगा, सामने बैट्समैन खड़ा हैं
बर्खास्त मंत्री राजेन्द्र गुढा के बगावती तेवर बरकरार है. वे लगातार मुख्यमंत्री गहलोत सहित कांग्रेस को आड़े हाथों ले रहे हैं.
Jhunjhunu Rajendra Gudha : बर्खास्त मंत्री राजेन्द्र गुढा के बगावती तेवर बरकरार है. वे लगातार मुख्यमंत्री गहलोत सहित कांग्रेस को आड़े हाथों ले रहे हैं. नारी सम्मान यात्रा के तीसरे दिन भी गांव ढाणियों में राजेन्द्र गुढा उंटगाडों पर सवार होकर जनता में पहुंचकर उनके साथ हुए बर्ताव को जनता के बीच रख रहे हैं. गुढा ने कहा कि गृहमंत्री राजस्थान के अशोक गहलोत को मैं इस चीज के लिए आह्वान करता हूं कि आप मुझे गिरफतार करो मैं आपका स्वागत करता हूं. बर्खास्त मन्त्री राजेंद्र गुढ़ा ने उच्च जाँच एजेंसियों से जांच के मसले पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश के बहुत बडे नेता है दुनिया के सारे देशों में जाते हैं बोलते हैं. 140 करोड जनता के देश के प्रधानमंत्री है उनको मैं क्या कहूंगा वो सब जानते हैं.
भाजपा इस मुददे पर समर्थन कर रही है इस पर उन्होने कहा कि वो विपक्ष के लोग है वो उनका धर्म है. वो अपना काम करेंगे. कोई भी कमजोर जगह दिखेगी तो चोट करेंगे ही. इन्होने लूज बोल क्यों फेंकी ,लूज बोल फेकोगे तो सिक्स लगेगा सामने बैटस मैन खडे हैं. 2018 में और 2013 में भी मेरी टक्कर बीजेपी से ही थी मेरे यहां पर कांग्रेस तो है ही नही भाजपा से मेरा कोई लेना देना नहीं है. आज ये आरोप लगा रहे हैं कि मेरा भाजपा से मिला हुआ है अरे मैने तो तुम्हारा देा बार सीएम बनाने में साथ दिया. महेश जोशी के आरोप पर गुढा ने कहा कि महेश जी मेरे विधानसभा के साथी हैं. मंत्री परिषद में वे मेरे साथी रहे है. यूनिवर्सिटी के समय से मैं उनका सम्मान करता हूं और यूनिवर्सिटी के प्रसिडेंट रहे हैं वो कोई बात होगी तो मै उनसे कर लूंगा.
उन्होंने कहा अगर डायरी में कुछ नहीं है तो मेरे से डायरी छीनी क्यूं है मुझे डायरी को टेबल क्यों नहीं करने दी और फिर इन्होने छीन ली और छीनने के बाद अगर उसमें कुछ नहीं है तो वो मीडिया को दे दो और बोल दो गुढा तो यूं ही कर रहा था. अपराधों पर गुढा बोले कि ये रिपोर्ट कह रही है राजेन्द्र गुढा कहा रहा है क्या जांच एजेंसियों की सारी रिपोर्टे कह रही है कि हिंदुस्तान में महिला दुष्कर्मों में नम्बर वन पर आ गए है. राजेन्द्र गुढा हर कुर्बानी के लिए तैयार है और इसकी कीमत चुकानी पडेगी कांग्रेस सरकार को बहुत बडी कीमत चुकानी पडेगी. कांग्रेस को मेरे इस्तीफा मांग लेते मैं राजी राजी दे देता मुझे बर्खास्त कैसे कर दिया. डायरी कैसे छीन ली विधानसभा से दूध में से मक्खी निकालकर फेंक देते है ऐसे फेंक दिया. हमने दो दो बार इनकी सरकार बनाई है. दो-दो बार मुख्यमंत्री बनाया है. छह-छह बार इनके कहने से राज्यसभा के मैम्बर बनाए है. इनका संकट मोचक रहा हूं.
गुढा ने कहा कि आरपीएससी का मैम्बर कटारा पेपर बेचने आउट करने के लिए जिम्मेदार है. उसको नियुक्त किसने किया अशोक गहलोत ने, उसके साथ सीएम अशोक गहलोत जेल में क्यों नहीं गया. मुल्जिम क्यों नहीं बनाया. जमीन कब्जे में खुद के पीए को गिरफतार करने के मसले पर गुढा बोले कि मेरे पीए को गिरफतार कैसे किया उसका लेना देना भी नही ,लेकिन फिर भी इसी मामले में खुद को आरोपी बनाए जाने पर बोले कि उसके तथ्य देखिए , कल तक राजेन्द्र गुढा बढिया था साढे चार साल पौने पांच साल तक सब कुछ बेस्ट था आज क्यों नाम आया उस केस में उस मसले के तथ्यों को देखिए मेरा उसमें अंदर कुछ कहीं भी किसी भी जगह एक परसेंट भी लेना देना निकल जाए तो राजनीति छोड दूंगा और ये मुकदमें इतने दिन पहले क्यों नहीं लगाए वो मुकदमा तो आज से छह महीने पहले ही हो गया मेरा नाम आज क्यों जोडा गया हैं.
पीए की गिरफ्तारी पर बोले कि उसके तथ्य बता दूंगा उसकी सच्चाई पता चल जाएगी देखिए आज से पांच महीने पहले भी एक झूठा मुकदमा लगाया था एक महिला के मामले में उसकी मदद की लेकिन उल्टा मेरे खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया दिया मेरे हिसाब से गहलोत जी ने ही मेरे खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था गहलोत जी को पांच महीने से कह रहा हूं कि उस मुकदमें में मुझे गिरफ्तार करो या फिर उस पर एफआर लगाओ मेरे उपर तलवार क्यों लटका रखी है लाल डायरी के मसले पर बोले कि मैने स्पीकर महोदय को टेबल करने के लिए लाल डायरी देना चाहता था और टेबल होने का रिवाज होता है कि कोई भी डोक्यूमेंट है आपके पास तो आप विधानसभा के पास पटल पर उसे टेबल कर सकते हो ये मेरा राइट था और मेने टेबल करने के लिए निवेदन किया थ विधानसभा में सीट को लेकर बोले कि मैं मंत्री नहीं था तो उस पर बैठ ही नहीं सकता था विधायक के रूप में मुझे दूसरी कुर्सी अलाट नहीं की और चेयर के साथ ही माइक होता है उसमें भी मेरे पास बोलने के लिए जगह ही नही थी राहुलजी कहते है कि बोलते समय उनके माइक बंद कर दिए जाते हैं मुझे बोलने के लिए सीट ही नहीं थी मुझे सीट गहलोतजी की मेहरबानी से नहीं मिली है उदयपुरवाटी की जनता ने दी है मैं पार्टियों और नेताओं की मेहरबानी से विधानसभा में नहीं गया मेरी उदयपुरवाटी की जनता की मेहरबानी से गया हूं उदयपुरवाटी की छत्तीस कौम की मेहरबानी से गया हूं.
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