राजस्थान में ERCP पर गजेंद्र सिंह शेखावत ने बनाया ये प्लान, कांग्रेस की रणनीति हो सकती है विफल
Rajasthan : प्रदेश में ERCP के मुद्दे पर पूरी कांग्रेस लंबे समय से केंद्र सरकार और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को घेर रही है. कांग्रेस पूर्वी राजस्थान में इसे चुनावी मुद्दा बनाना चाह रही है. लेकिन ERCP को राजनीतिक लड़ाई में फंसता देख केंद्र सरकार नए सिरे से पूर्वी राजस्थान में हर घर नल का जल पहुंचाने की योजना पर काम कर रही है.
Rajasthan Politics : राजस्थान में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने है. अशोक गहलोत से लेकर गजेंद्र सिंह शेखावत और वसुंधरा राजे से लेकर सचिन पायलट और सीपी जोशी के साथ साथ गोविंद सिंह डोटासरा और हनुमान बेनीवाल समेत तमाम नेता पूरी ताकत लगा रहे है. राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस को सबसे ज्यादा बढ़त पूर्वी राजस्थान में मिली थी. इस बार ERPC के मुद्दे पर बीजेपी को घेरकर कांग्रेस उसी बढ़त को बरकरार रखना चाहती है. लेकिन अजमेर में पीएम मोदी के मंच से जलशक्ति मंत्री शेखावत ने जो ऐलान किया. वो कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है.
गजेंद्र सिंह शेखावत ने क्या कहा
अजमेर के पुष्कर में हुई प्रधानमंत्री की सभा में संबोधित करते हुए केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान को 22 हजार करोड़ की सौगात दी. इसके जरिए राजस्थान के 11 जिलों में हर घर नल का जल पहुंचाने का काम होगा. जिन 11 जिलों के लिए शेखावत ने घोषणा की. उसमें से आधे से ज्यादा जिले उसी क्षेत्र में आते है जहां कांग्रेस ERCP को मुद्दा बना हर घर पीने का पानी पहुंचाने की बात कर रही है.
किस जिले के लिए कितनी घोषणा
1. अलवर और भरतपुर जिलों के 1 हजार गांवों में चंबल से पीने का पानी पहुंचाने के लिए 5 हजार 793 करोड़ की घोषणा की है.
2. करौली, सवाई माधोपुर जिलों के लिए 4,623 करोड़ की घोषणा. हर घर पीने का पानी पहुंचाया जाएगा.
3. धौलपुर में पीने का पानी पहुंचाने के लिए 821 करोड़ रुपए की योजनाओं को मंजूरी
4. सीकर और झुंझुनूं जिलों के लिए 7 हजार 934 करोड़ रूपए की योजनाओं को मंजूरी दी है.
इसके अलावा केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मेवाड़ के 4 जिलों चित्तौड़गढ़, उदयपुर, राजसमंद और प्रतापगढ़ के लिए भी 3, 963 करोड़ रूपए की योजनाओं को मंजूरी दी है.
ERCP की काट है ये प्लान !
ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट को लेकर बीजेपी और कांग्रेस आमने सामने है. केंद्र सरकार का कहना है कि राज्य सरकार नया प्रस्ताव बनाकर भेजें ताकि उस पर काम किया जा सके. जबकि राज्य सरकार इस काम के लिए गेंद केंद्र के पाले में डाल रही है. बीजेपी जानती है कि अगर कोई रास्ता नहीं निकाला गया तो पूर्वी राजस्थान में पार्टी को बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है. ऐसे में वो ERCP की बजाय जल शक्ति मंत्रालय के जरिए नई योजनाओं को मंजूरी देकर हर घर तक पीने का पानी पहुंचाने का काम कर रही है.
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अजमेर के पुष्कर में हुई सभा में राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने भी गजेंद्र सिंह शेखावत का नाम लेते हुए कहा था कि शेखावत इस समय पीएम मोदी के सपने को पूरा करने का प्रयास कर रहे है लेकिन राजस्थान सरकार हर घर नल पहुंचाने के मिशन में रोड़ा बन रही है. राजस्थान इस काम में पूरे देश में फिसड्डी है.
कितना असरदार है ये प्लान ?
दौसा, भरतपुर, धौलपुर, सवाई माधोपुर समेत पूरे पूर्वी राजस्थान में पीने का पानी बड़ा मु्द्दा है. इन 22 हजार करोड़ के ऐलान में 7 जिले पूर्वी राजस्थान से भी है. जबकि ERCP के दायरे में करीब 13 जिले आते है. ऐसे में अगर एक दो महीने में जल जीवन मिशन के जरिए बचे हुए 6 जिलों में नई परियोजनाओं को केंद्र सरकार मंजूरी देती है. ERCP के जरिए न सही. दूसरी योजनाओं के जरिए भी अगर हर घर तक पीने का पानी पहुंचाने में केंद्र सरकार कामयाब रहती है. तो चुनावी संग्राम में बीजेपी को बड़ा फायदा मिल सकता है.