Jaipur : सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि छात्र संघ चुनाव (Student Union Election) रद्द करने के बाद प्रदेश के छात्र बहुत नाराज हैं. ऐसे में अब हम जिला स्तर पर सरकार के खिलाफ रैली निकालेंगे. इसके साथ ही 14 सितंबर को जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में छात्र पंचायत का आयोजन करेंगे. जिसमें एक लाख से ज्यादा युवा हिस्सा लेंगे. ताकि जल्द से जल्द छात्रसंघ चुनाव का ऐलान होने के साथ ही विधानसभा चुनाव से पहले छात्रसंघ चुनाव का आयोजन करवाया जाए.


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सचिन पायलट पर साधा निशाना 


राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सांसद हनुमान बेनीवाल ने सचिन पायलट पर निशाना साधा है. मंगलवार को जयपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर संसद बेनीवाल ने कहा कि सचिन पायलट जब मानेसर गए. तब उन्होंने काफी बड़ी-बड़ी बातें कही थी. मैं आज मुख्यमंत्री बन कर आ रहा हूं. अपने लोगों से कहा था. मैं 15 दिन बाद सीएम बनकर आ रहा हूं. कुछ से यहां तक कहा था कि अब काफी CM हाउस में ही पियेंगे.


लेकिन इसके बावजूद वह मुख्यमंत्री नहीं बन पाए. ऐसा करके उन्होंने अपनी खुद की छवि को खत्म कर दिया. अगर वह वक्त रहते अपनी पार्टी से निकाल कर आ जाते हैं. तो राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी और सचिन पायलट मिलकर राजस्थान में 100 सीट राजस्थान में जीतकर आते. वैसे भी अब सचिन पायलट का वक्त निकल गया है.



टोंक के चुनाव के वक्त भी मैं वहां प्रचार करने जाने वाला था. लेकिन उनका मेरे पास फोन आया. तो फिर मैं वहां उनके खिलाफ प्रचार करने नहीं गया. मैंने उनकी चार बार मदद की. लेकिन फिर भी वह मुखर नहीं हुए. तो मैं उनका इंतजार नहीं कर सकता. मैं अकेला ही सफर पर निकल गया हूं. वैसे भी राजस्थान में 2023 के विधानसभा चुनाव में ना मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, ना पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और ना ही सचिन पायलट कही नजर आएंगे.,


गवर्नर फालतू का पद खत्म करें सरकार


राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि नियम से तो गवर्नर जो कुलाधिपति होते हैं. वह विश्वविद्यालय के कर्ताधर्ता होते हैं. लेकिन कमजोर गवर्नर आने के बाद हालात बद से बद्तर हो जाते हैं. जिनको पता ही नहीं क्या हो रहा होता है. कई जगह ऐसे गवर्नर भी बन जाते हैं. जो मुख्यमंत्री के खिलाफ हो जाते हैं. लेकिन हमारे गवर्नर साहब कोई बयान ही नहीं देते. क्यों कि उनकी उम्र थोड़ी ज्यादा हो रही है.


डाकिए का काम कर रहे गवर्नर-बेनीवाल


ज्यादातर गवर्नर 80 पार के ही बनाते हैं. जिन्हें मुख्य धारा की राजनीति से हटाने के लिए गवर्नर बन कर बैठा दिया जाता है. वैसे भी गवर्नर का पद तो फालतू का पद है. इस पर काफी ज्यादा खर्च होता है. इनका चाय, नाश्ते और खाने का हिसाब किताब देखोगें . तो आप भी चौक जाओंगे. जबकि इनका काम सिर्फ जो सरकार लिखकर देती है. उसे पढ़ना का ही होता है. तो सरकार खुद ही पढ़ले. आखिर इतने से कम के लिए गवर्नर पद ही क्यों है. इसे समाप्त कर देना चाहिए. क्योंकि गवर्नर तो सिर्फ डाकिए का काम कर रहे हैं.


Reporter- SACHIN SHARMA


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