Jaipur: तीन पीढ़ियों के बाद भी कांग्रेस में सइमरजेंसी वाली सोच, अब नेहरू के नाम से भी करते हैं गुरेज- गोयल
Jaipur News: जयपुर में केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कांग्रेस नेताओं और गांधी-नेहरू परिवार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि कांग्रेस आज भी इमरजेंसी वाली सोच से बाहर नहीं निकल पा रही है. अब तो वो लोग नेहरू के नाम से भी गुरेज कर रहे हैं.
Jaipur: जयपुर शहर बीजेपी की ओर से आपातकाल की वर्षगांठ को काला दिवस के रूप मे मनाया गया. इस मौके पर आयोजित प्रबुद्ध सम्मेलन में केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कांग्रेस नेताओं और गांधी-नेहरू परिवार पर जमकर हमला बोला. गोयल ने कहा कि 1975 में इंदिरा गांधी ने लोकतंत्र की हत्या करते हुए इमरजेंसी लगाई. उस समय के कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इंदिरा इज इंडिया, इंडिया इज इंदिरा. यह सोच थी कि पूरा देश कोई मायने नहीं रखता केवल गांधी परिवार का एक व्यक्ति मायने रखता है. कांग्रेस की 1975 की सोच आज भी जब कांग्रेस के उपनेता प्रमोद तिवारी गांधी परिवार के लिए अलग कानून की बात करते हैं. तीन पीढियों में कांग्रेस नेताओं की सोच में कोई बदलाव नहीं आया है.
पीएम मोदी के 9 साल के कार्यकाल की उपलब्धियों को लेकर महाजनसम्पर्क अभियान के तहत जयपुर आए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल विभिन्न कार्यक्रमों शिरकत कर रहे हैं. इस दौरान मानसरोवर में प्रबुद्ध सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि आपातकाल ऐसा दौर था जिसने पूरे विश्व में भारत की छवि खराब की. इमरजेंसी में 1लाख 40 हजार सामाजिक कार्यकर्ता नेताओं को बिना किसी कानूनी व्यवस्था के जेलों में डाला गया. जो हमें शर्मिंदा करते हैं इतिहास के उन पन्नों पर होने कभी भूलना नहीं चाहिए. जो इतिहास भूल जाता है वह सफल नहीं हो पाता है. जिस देश में हजारों साल पहले लोकतंत्र पनपता था, उसे कई हजार साल गुलामी सहन करनी पड़ी.
आजादी के 75 साल बाद भी उसी मिशन पर कांग्रेस
पीयूष गोयल ने कहा कि आजादी के दौरान महात्मा गांधी को यह सुझाव दिया गया था कि कांग्रेस को बंद कर देना चाहिए, कांग्रेस आगे चलकर देश को प्रताड़ित करेगी परेशान करेगी, महात्मा गांधी ने भी कहा था कि कांग्रेस का आगे का भविष्य खतरे से खाली नहीं है, इसको खत्म कर करके नई पार्टियों को देश की सेवा करना चाहिए. सौभाग्य से लालच ऐसा था जिससे आजादी के 75 साल बाद भी आज तक कांग्रेस पार्टी उसी मिशन पर चल रही है जिसकी चेतावनी महात्मा गांधी ने दी थी, काले कारनामे भ्रष्टाचार और हर प्रकार से जुल्म करने वाली इंदिरा गांधी की सरकार ने जब कोर्ट के आदेश के अनुसार सत्ता छोड़नी चाहिए था, उसके बजाय उन्होंने हाईकोर्ट में हारने के बाद सुप्रीम कोर्ट में हारने के बाद भी कानून व्यवस्था का सम्मान करने की बजाय इंदिरा गांधी ने देश पर आपातकाल थोप दिया.
संवैधानिक आजादी फ्रीडम आफ फ्रीडम आफ एक्सप्रेशन सभी अधिकारों को ध्वस्त कर दिया. लाखों राजनेता कार्यकर्ताओं , समाज सेवकों को जेलों में डाला गया, जिसमें ज्यादातर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े हुए थे . उस समय जय प्रकाश नारायण भ्रष्टाचार मुक्त भारत के लिए लड़ाई लड़ रहे थे, नानाजी देशमुख ने अपने कंधों पर लाठियां खाई जिससे जयप्रकाश बच सके. अटल बिहारी लाल कृष्ण आडवाणी दोनों को गिरफ्तार किया गया. देशभर में मीडिया पर प्रतिबंध लगाया गया. मीडिया की स्वाधीनता को छीन लिया गया .
जमाना बदला, नहीं बदली कांग्रेस की सोच
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि उस समय के कांग्रेस अध्यक्ष डीके बरूआ ने कहा कि इंदिरा इज इंडिया, इंडिया इज इंदिरा. यह सोच थी कि पूरा देश कोई मायने नहीं रखता केवल गांधी परिवार का एक व्यक्ति मायने रखता है. 1975 की यह आज भी कांग्रेस पार्टी दर्शाती है, जब राहुल गांधी को मानहानि केस में 2 साल की सजा हुई तो राज्यसभा में उपनेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि भारत में गांधी परिवार के लिए एक अलग कानून होना चाहिए.
गोयल ने कहा कि मैं इसकी पूरी निंदा करता हूं, क्योंकि वह गांधी परिवार के सदस्य हैं इसलिए उनके लिए अलग कानून होना चाहिए इसकी सजा क्या होगी यानी कि बेगुनाह कर सकते हैं, लेकिन सजा आम आदमी के लिए जैसे होती है वैसे नहीं. यह सोच इमरजेंसी की सोच है , 2023 की सोच कांग्रेस की सोच में कोई बदलाव नहीं है. हमें कभी इतिहास के पन्ने भूलने नहीं चाहिए, हमें इतिहास से सबक लेना चाहिए . इतिहास को अच्छी तरीके से नहीं सीखते हैं उनके लिए बड़ा खतरा है,. मैं धन्यवाद देना चाहूंगा प्रधानमंत्री मोदी को को जिन्होंने लोगों के सामने रखना कि कई पीढ़ियां बीत गई लेकिन उनकी सोच में कोई बदलाव नहीं हुआ है.
नेहरू के नाम से भी परहेज
पीयूष गोयल ने कहा कि अभी तो कांग्रेस की यहां तक की स्थिति हो गई है कि. वे लोग अब नेहरू के नाम से भी कतराते हैं. राजनारायण वर्सेस इंदिरा नेहरू गांधी जो केस था. इंदिरा गांधी नेहरू का नाम अपने नाम में शामिल रखती थीं उससे उनका ध्यान रखा गया था कि इंदिरा नेहरू गांधी लिखा गया. दो-तीन चुनाव तक लिखा गया लेकिन उसके बाद में उन्हें ध्यान आया कि उन्होंने अपने नाम से नेहरू शब्द को हटा दिया. यह सोचने वाली बात है कि यह क्या समझ गई थीं जिसके कारण अनेको नाम बदला. ऐसा क्या राजनीतिक लाभ के कारण किसी बड़े व्यक्ति जिन्होंने आजादी की लड़ाई के लिए अपना जीवन कुर्बान किया, जिस परिवार का जीवन केवल सत्ता प्राप्त करने के लिए हुआ उन्हीं की यह सोच हो सकती है. जब कोर्ट ने निर्णय दिया तब रातों-रात का अनुभव लेते ऑर्डिनेंस आए तब आधी रात को लोगों को देश भर में गिरफ्तार करके जेल में डाला. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि मेरी मां भी जेल में गई थी सत्याग्रह करके जेल में गई थी हमरा घर अंडरग्राउंड गतिविधियों का अड्डा बना हुआ था, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरदार की रूपरेखा में वह कार्य कर रहे थे. और समय पूरे देश भर में भ्रमण कर रहे थे. भारत की आजादी पर प्रहार था.
नई पीढ़ी के लिए हालात जानना जरूरी
मंत्री गोयल न कहा कि आज के युवा उस दौर को जिए नहीं है लेकिन उन्हें हमें वह कठिनाई और प्रताड़ना पता नहीं है. उसका अनुभव नहीं है. उस वक्त मैं खुद बस 11 साल का था. घर में जो काम चलता था उससे थोड़ा बहुत अनुभव है. लेकिन आज सामने मौजूद लोग जानते नहीं है कि उस समय कैसा माहौल था. उस वक्त जबरदस्ती नसबंदी किया जाता था, टारगेट पूरा करने के लिए. एक पूरे समाज को टारगेट किया गया था जो आज कांग्रेस पार्टी के पीछे लट्टू होकर घूम रहा था. और समाज को दिल्ली में बेघर किया था.
उस समाज के लाखों युवा युवतियों को नसबंदी करके उनके पारिवारिक जीवन को ध्वस्त किया, उनको टॉर्चर किया गया. इतिहास के पन्नों में अंकित जरूर है लेकिन अगर हम उसे भूल जाएंगे और याद नहीं करेंगे उस मानसिकता को और सोच को जो कांग्रेसी सोच रखती है उसको जो आज भी दिखाई देता है. प्रमोद तिवारी जैसे नेताओं के बयान में नजर आता है जो गांधी परिवार के लिए अलग कानून की मांग रखते हैं, कैसे कोई भारतवासी इस बात को सहन कर सकता है जो यह काला दौर था.
भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं को भारत की संस्कृति को ध्वस्त कर दिया और भय में रखा लोगों को. इमरजेंसी को इस रूप में प्रचारित किया गया कि इससे एफिशिएंसी बढ़ गई. झूठ था पूरा देश और स्वस्थ रहें में था पता नहीं था कि कब किस समय किस को गिरफ्तार कर ले भ्रष्टाचार को समय बढ़ता गया क्योंकि पुलिस के साथ उस समय अनाप-शनाप ताकत मिल चुकी थी. कोर्ट कोई प्रमाण मांगता तो पुलिस उसे कह देते कि यह आरएसएस के कार्यकर्ता है. ज्यादातर लोगों को यह कहा गया कि यह अधिकार कार्यकर्ता और उसके कार्य करता है बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के 19 महीने तक लोगों को जेल में रखा गया. जस्टिस केटी थॉमस का कर्तव्य है. इमरजेंसी को खत्म करने के लिए अगर किसी को दे दिया जाए फिर आजादी दिलाने के लिए आपातकाल से मुक्ति दिलाने के लिए तो वह श्रेय रएसएस का देत हूं,
तब से लेकर अब तक
पीयूष गोयल ने कहा कि उसम समय कुछ लोगों ने आरएसएस को फासीवादी बताने की कोशिश थी . उस दौरान जयप्रकाश नारायण ने खुद कहा कि यदि RSS फासीवादी है तो जयप्रकाश नारायण भी फासीवाद है. किशोर कुमार के गानों पर भी प्रतिबंध लगाया क्या. किशोर कुमार ने किसी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मना कर दिया तो उनके गीतों पर ही प्रतिबंध लगा दिया गया था.
किशोर कुमा के गीत ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन पर नहीं दिखाया जाए. देश पर वह ऐसा संकट का समय था जो शायद और समय के लोग कभी भूल नहीं पाएंगे तो पार्टीशन की पीड़ा थी मैं समझता हूं कि उतनी ही ज्यादा पीड़ा इस समय के लोगों ने भी इमरजेंसी के दिनों म के ऊपर होते हुए देखा था. पूरे देश में आत्मविश्वास टूट गया लोग नाराज थे लेकिन किसी को भी आजादी नहीं थी अपनी बात जनता के बीच रखने की जनता को कहने के लिए वे आजाद ही थे.
गोयल ने मोदी सरकार की उपलब्धियों पर मांगा समर्थन
गोयल ने कहा कि 9 वर्ष में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल से देश में आमूलचूल परिवर्तन किया है. देश में लोकतांत्रिक मूल्यों से संवारा है जिसक गुणगान पूरे देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में हो रहे हैं. हमारा सीना 56 इंच का हो जाता है जब हम देखते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस देश में जाते हैं पूरे विश्व में होने वाले सम्मान मिलता है. अमेरिका की तीन दिवसीय यात्रा को आपने देखा होगा जिस प्रकार का सम्मान जो गुणगान भारत का और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत के पहले नेता है जिन को दो बार यूएस में भाषण देने के लिए अपनी कांग्रेस ने बुलाया है 7 साल पहले में भी उनको बुलाया गया था
जनता का आशीर्वाद मिला मोदी को- गोयल
गोयल ने कहा कि आज हम विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी इकोनॉमी है. अगली बार जब 2029 में आऊंगा तो भारतीय जनता पार्टी की सरकार हो गई और केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार होगी. दो तिहाई बहुमत की सरकार लीड कर रहे होंगे, और दुनिया की तीन बड़ी अर्थव्यवस्था में शामिल होंगे. भारत में महंगाई की दर इस दौरान काफी कम रही. ब्याज की दर कम रही. हमारी विदेशी 600 बिलीयन डॉलर, करीब 50 हजार करोड़ तक की विदेशी मुद्रा है हमारे पास. अगर 5 6 साल भी हमें गर्व तेल बाहर से लाना पड़ा तो हमारे पास पर्याप्त है.
हमारा विदेशी निर्यात 55% बढ़ा है. 38 लाख करोड़ से बढ़कर 62 लाख करोड़ तक पहुंच गया है निर्यात. इस साल 20 लाख करोड से अधिक जीएसटी में देखने को मिलेगा जिसके कारण विकास के कार्य इतने सारे तेज गति से हम कर पायेंगे. टैक्स देने पर हमें सबसे ज्यादा पीड़ा तब होती है जब राजीव गांधी जैसे प्रधानमंत्री अपनी कमजोरी देश के सामने रखते थे तब कहते थे.
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