Jaipur : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत न्यायपालिका में भ्रष्टाचार वाले बयान पर चौतरफा घिर गए हैं. बीजेपी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने हमेशा लोकतंत्र के स्तम्भों का अपमान किया है. ऐसा हताशा भरे बयान से मुख्यमंत्री को साफ लगने लगा है कि उनके हाथ से सत्ता जाने वाली है. वहीं इस मामले में पत्र लिखने वाले बार कौंसिल के पूर्व उपाध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री इसके लिए माफी मांगे, वरना उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए मांग की जाएगी. वहीं गुरुवार को हाईकोर्ट में आक्रोशित वकीलों ने मोर्चा खोलते हुए सीएम गहलोत का पुतला दहन कर विरोध प्रदर्शन किया.


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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि ज्यूडिशियरी में भयंकर करप्शन हो गया है. मैंने सुना है कि कई वकील तो जजमेंट भी लिख कर ले जाते हैं, और वही जजमेंट कोर्ट से आता है. ज्यूडिशियरी में यह क्या हो रहा है ? चाहे लोअर हो या अपर ज्यूडिशियरी. इस बयान के बाद मुख्यमंत्री गहलोत का विरोध शुरू हो गया है. बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि इस तरह के बयान का कारण हताशा हैं. 



हताशा में गए व्यक्ति सब पर अविश्वास करते हैं . सीएम गहलोत अपने मंत्रियों, विधायकों पर भी अविश्वास करते हैं . उनके फोन टेप करवाते हैं. किसी को नकारा निकम्मा कहते हैं. पार्टी के लोगों पर विश्वास नहीं है तो पार्टी के लोगों को सीएम पर विश्वास नहीं है. आलाकमान ने सीएम को बैठक बुलाने की कही तो उन्होंने विधायकों की बाड़ाबंदी कर ली.


जोशी ने कहा कि आज तक किसी ने न्यायपालिका पर अंगुली नहीं उठाई. जब राहुल गांधी को क्लीन चिट मिली थी तो आपने न्याय पालिका पर विश्वास जताया था. न्याय पालिका पर उंगली उठाने बड़ा कारण हताशा है. मुख्यमंत्री को न्यायालय पर विश्वास नहीं तो जनता को भी सीएम पर विश्वास नहीं है. इस तरह के बयान लोकतंत्र में किसी राजनीतिज्ञ और इस पद पर बैठे व्यक्ति को शोभा नहीं देता है.


भाजपा प्रभारी अरुण सिंह ने किया पलटवार 


इसी मामले पर बीजेपी प्रदेश भाजपा प्रभारी अरुण सिंह ने पलटवार किया. अरूण सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा लोकतंत्र के सभी स्तंभों का अपमान किया है. ऐसा बयान तभी आता है जब लगता है कि सत्ता हमारे हाथ से जा रही है. इस बयान पर सीधे तरीके से मानहानि का मामला बनता है. देश की जनता का विश्वास न्यायपालिका पर है. यह ध्यान भटकाने वाला बयान है, सीएम को ध्यान भटकाने की बजाय कानून व्यवस्था पर ध्यान देना चाहिए.


माफी मांगे सीएम गहलोत


दूसरी ओर मामले में सीजेआई को पत्र लिखने वाले बार काउंसिल के पूर्व उपाध्यक्ष योगेंद्र सिंह तंवर ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने न्याय पालिका का अपमान किया है. मुख्यमंत्री से कहा कि वो लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ नहीं बल्कि सेतु हैं. उन्होंने बयान दिया है वो न्याय पालिका की गरिमा को तार तार करने वाला है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपने बयान पर माफी मांगनी चाहिए. सीजेआई से पत्र लिखा है कि इस मामले सीएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है. इधर हाईकोर्ट में गुरुवार को वकीलों ने न्याय पालिका पर अपमानजनिक टिप्पणी करने के मामले में सीएम गहलोत के खिलाफ प्रदर्शन किया. वकीलों ने सीएम गहलोत के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया तथा विरोध स्वरूप उनका पुतला दहन किया.


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