Rajasthan Cabinet Expansion: भजनलाल शर्मा के मंत्रिमंडल का विस्तार,कोटा से दो चेहरों को कैबिनेट में किया शामिल
Rajasthan Cabinet Expansion: राजस्थान में आज मंत्रिमंडल विस्तार हुआ. भजन लाल सरकार में हाड़ौती संभाग को भी तरजीह मिली है संभाग से कोटा जिले से 2 चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किया.
Rajasthan Cabinet Expansion: राजस्थान में आज मंत्रिमंडल विस्तार हुआ. भजन लाल सरकार में हाड़ौती संभाग को भी तरजीह मिली है संभाग से कोटा जिले से 2 चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल किया. कोटा के रामगंजमंडी से विधायक मदन दिलावर ने कैबिनेट व सांगोद से विधायक हीरालाल नागर ने राज्यमंत्री (स्वत्रंत प्रभार) के रूप में शपथ ली. बता दें कांग्रेस की गहलोत सरकार में भी हाड़ौती संभाग से तीन मंत्री थे. इनमें कोटा से शांति धारीवाल, बारां से प्रमोद जैन भाया केबिनेट मंत्री व बूंदी से अशोक चांदना मंत्री शामिल थे.
4 बार लगातार विधायक
मदन दिलावर छ्ठी बार के विधायक है. 1990 से 2008 तक बारां की अटरू सीट से 4 बार लगातार विधायक रहे है. इस दौरान दो बार बीजेपी की सरकार में समाज कल्याण मंत्री रहे. साथ ही 2003 से 2008 तक सहकारिता विभाग का भी जिम्मा संभाला. साल 2018 में दिलावर कोटा की रामगंजमंडी सीट से चुनाव जीतकर विधायक बनें. साल 2023 के विधानसभा चुनाव में दिलावर ने जीत हासिल की.
दिलावर शुरुआत से ही संघ का हिस्सा
मदन दिलावर शुरुआत से ही संघ से जुड़े रहे. उनकी पहचान हिंदूवादी चेहरे की रूप में रही है. उन्होंने ने अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि पर श्री राम मंदिर के निर्माण के लिए कार सेवा में सक्रिय भागीदारी निभाई. श्री राम मंदिर निर्माण व कश्मीर से धारा 370 के हटने तक माला नहीं पहनने व जमीन पर ही सोने का संकल्प ले रखा था.
दूसरी बार बने विधायक
हीरालाल नागर दूसरी बार विधायक बने है. इससे पहले साल 2013 से 18 तक सांगोद से विधायक रहे. साल 2018 में हीरालाल चुनाव हार गए थे। साल 2023 में बीजेपी ने फिर से उन पर भरोसा जताया। हीरालाल नागर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे. नागर ओबीसी वर्ग से आते है. उनके पिता चंदालाल नागर 10 साल तक नगर पालिका अटरू जिला बारां के चेयरमैन रहे.
चाचा भी रह चुके हैं सासंद
चाचा चतुर्भुज वर्मा 1977 से 84 तक झालावाड़ से सांसद रहे. फिर 1989 से 92 तक खानपुर सीट (झालावाड़) से विधायक रहते हुए सहकारिता मंत्री रहे. बहनोई नरेंद्र नागर खानपुर से विधायक रहे है. साल 2023 के चुनाव हार गए. साल 1978 से 80 में दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद दक्षिण दिल्ली विभाग प्रमुख की जिम्मेदारी निभाई .