Rajasthan Election: राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 की  प्रदेश में सर्गमियां बढ़ती ही जा रही है. सभी राजनीतिक दलों मे अपनी अपनी बिसाते बिछाना शुरू कर दिया है. साल के आखिरी में होने वाले  विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी और विपक्ष यानी बीजेपी के बीच होना है.


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इसी बीच खबर है कि स्वतंत्रता दिवस के बाद कांग्रेस विधासभा चुनाव के उम्मीदवारों की पहली सूची  सितंबर के अंतिम सप्ताह या अक्टूबर के पहले सप्ताह जारी कर देगी. कयास लगाए जा रहे है कि कांग्रेस की इस सूची में वह अपने जीताऊ और भरोसेमंद उम्मीदवारों पर ही दांव लगाना पसंद करेगी.


गौरतलब है कि कांग्रेस प्रत्याशियों की इस सूची को लेकर दो दिन पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा का बयान सामने आ चुका है. जिसके बाद से प्रत्याशियों की  पहली सूची तैयार करने का काम जोरशोर से शुरू हो गया है. इसी काम को अब कांग्रेस पर्यवेक्षक आगे बढ़ाने जा रहे हैं.


उम्मदीवारों के आंकलन के लिए कांग्रेस पर्यवेक्षक अपने काम को करने के लिए  स्वतंत्रता दिवस के  बाद 17 अगस्त से सभी जिलों के दौरा करेंगे.


 पर्यवेक्षक जानेंगे जमीनी हकीकत


बता दें कि जयपुर में पर्यवेक्षकों की बैठक के बाद प्रदेश प्रभारी ने प्रत्याशियों की सूची को लेकर बयान जारी किया है. उन्होंने  बताया है कि पार्टी  राजस्थान विधानसभा चुनावों के लिए कहा कि प्रत्याशियों की पहली सूची  सितंबर के आखिरी सप्ताह या अक्टूबर के पहले सप्ताह में जारी कर देगी. उसके लिए  सही उम्मीदवारों के चयन का काम पर्यवेक्षकों को दिया गया है. इसी को लेकर पर्यवेक्षक 17 अगस्त से जिलों के दौरे पर रहेंगे. साथ ही संभावित प्रत्याशियों को लेकर स्थानीय पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से राय लेंगे.


जिताऊ के साथ पार्टी का हाथ


बैठक में  प्रदेश प्रभारी ने  साफ कर दिया है कि चेहरे नहीं बल्कि  पार्टी टिकट उन्हीं को देगी  जो जिताऊ हैं. यानी जो  जिताऊ  औऱ भरोसेमंद होगा टिकट उसी को दिया जाएगा. पर्यवेक्षक अपने जिलों के दौरे के बाद ऐसे ही जिताऊ और भरोसेमंद चेहरों को लेकर अपनी रिपोर्ट देंगे. टिकट को लेकर अंतिम फैसले में इस रिपोर्ट को खास अहमियत दी जानी है.


आंतरिक सर्वे के बाद अब भावी प्रत्याशियों की परीक्षा!
विधानसभा चुनावों को लेकर कांग्रेस ने राजस्थान की सभी 200 सीटों पर इंटर्नल सर्वे करवाया है. जिसमें क्षेत्र वर्तमान विधायक की परफॉर्मेंस सहित जनता में उसकी भूमिका जैसे पैमाने पर है.
 इस सर्वे के बाद अब टिकट के दावेदारों की असली परीक्षा पर्यवेक्षकों के सामने ह होगी. एआईसीसी (AICC) की ओर से नियुक्त पर्यवेक्षक ऐसे दावेदारों की जमीनी हकीकत जानेंगे और उनके जीताऊ होने के दावों पर अपनी रिपोर्ट देंगे.


3-3 नामों के पैनल होंगे तैयार


प्रदेश कांग्रेस की विधानसभा चुनाव के संभावित प्रत्याशियों की पहली परख पर्यवेक्षक करेंगे. सभी 25 पर्यवेक्षकों को 17 अगस्त से अपने प्रभार वाले जिलों में पहुंचेंगे. दावेदारों की रायशुमारी के आधार पर अपनी रिपोर्ट तैयार करके. इस रिपोर्ट में तीन-तीन नाम का पैनल तैयार होगा. स्क्रीनिंग कमेटी इस पैनल में से एक प्रत्याशी का चयन करेगी.


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