ऊंट पर बैठकर आज संसद आएगें राजकुमार रोत, चुनाव प्रचार के दौरान ऊंट के इस्तेमाल पर हुआ का मामला दर्ज
Rajkumar Roat : भारतीय आदिवासी पार्टी से बांसवाड़ा सांसद राजकुमार रोत आज संसद में ऊंट की सवारी करते हुए पहुंचने की कोशिश कर ही रहे थे कि रास्ते में पुलिस ने उन्हे रोक लिया.. याद दिला दें जब चुनाव प्रचार के दौरान रोत ने ऊंट की सवारी की थी, तो निर्वाचन आयोग की तरफ से उन्हे नोटिस जारी किया गया था. और इसे डिस्प्ले ऑफ एनिमल इन रोड शो नियम का उल्लंघन करार दिया था. खैर कल सीकर सांसद अमराराम भी ट्रैक्टर से संसद पहुंचे थे.
Rajkumar Roat : Rajkumar Roat : भारतीय आदिवासी पार्टी से बांसवाड़ा सांसद राजकुमार रोत आज संसद में ऊंट की सवारी करते हुए पहुंचने की कोशिश कर ही रहे थे कि रास्ते में पुलिस ने उन्हे रोक लिया.. याद दिला दें जब चुनाव प्रचार के दौरान रोत ने ऊंट की सवारी की थी, तो निर्वाचन आयोग की तरफ से उन्हे नोटिस जारी किया गया था. और इसे डिस्प्ले ऑफ एनिमल इन रोड शो नियम का उल्लंघन करार दिया था. खैर कल सीकर सांसद अमराराम भी ट्रैक्टर से संसद पहुंचे थे.
राजकुमार रोत ने अपनी ऊंट की सवारी के बारे में बाकायदा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जानकारी दी और पोस्ट डाला है- जिसमें लिखा है कि- आदिवासी पहचान और राजस्थान की शान ऊँट पर बैठकर कल सुबह 10.30 बजे संसद पहुँचूँगा और दोपहर 1-2 बजे के मध्य 18वी लोकसभा के सदस्य के रूप में शपथ ग्रहण करूँगा. जोहार उलगुलान !
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भील प्रदेश की मांग कर रही भारतीय आदिवासी पार्टी की लोकसभा चुनाव 2024 में बांसवाड़ा से जीत हुई है. इस जीत के कई मायने हैं. ये जीत दक्षिणी राजस्थान के आदिवासी बहुल इलाके में राजनीतिक समीकरण बदल सकती है. भील प्रदेश और आरक्षण में अनुसूचित जनजातियों के लिए बढ़ोत्तरी जैसे मुद्दे एक बार फिर चर्चा का विषय बनेंगे.
बांसवाड़ा की आरक्षित सीट पर बीएपी के उम्मीदवार राजकुमार रोत ने 2,47,054 वोटों के अंतर से जीत हासिल की है. महज 31 साल के राजकुमार रोत ने पूर्व मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय को ये मात थी है. हमेशा से कांग्रेस का गढ़ रहा बांसवाड़ा और डूंगरपुर इस बार बीएपी के खाते में हैं. वजह साफ है कि इस बार आदिवासी नए अधिकारों की मांग को लेकर सजग हैं.
जिससे ये साफ है कि बीएपी आने वाले वक्त में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों को कड़ी टक्कर देगी. एक आदिवासी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रोत ने कहा कि इलाके में रोजगार के अवसर पैदा करने की कोशिश की जाएगी ताकि पड़ोसी राज्य गुजरात में उनके प्रवास को रोका जा सके.