Rajasthan Politics : राजस्थान के स्कूल शिक्षा मंत्री मदन दिलावर डीएनए टेस्ट संबंधी अपने बयान से विवादों में घिर गए हैं. भारत आदिवासी पार्टी के साथ-साथ कांग्रेस के नेता भी इस बयान को लेकर भाजपा पर हमला कर रहे हैं. यह विवाद पिछले कुछ दिनों से लगातार जारी है. अब इस विवाद में हिंडोली के विधायक अशोक चांदना भी शामिल हो गए हैं.


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आदिवासी आपका ही डीएनए चेक कर लेंगे- चांदना



अशोक चांदना ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक वीडियो में भाजपा मंत्री को चेतावनी देते हुए कहा गया, "मंत्री जी! डीएनए चेक करके क्या करेंगे? अगर कभी आदिवासी आपको रास्ते में मिल गए तो आपका ही डीएनए चेक कर लेंगे. संभल जाइए. उनकी बातें सुनिए. वरना किसानों ने मोदी को भी हरा दिया था. पलटने में समय नहीं लगता और आपकी गाड़ी उड़ाने में भी ज्यादा समय नहीं लगेगा." 


वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल




कांग्रेस विधायक का यह वीडियो इस समय सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. पोस्ट होने के केवल 15 घंटे के भीतर इसे 1300 से अधिक लोगों ने लाइक किया है और 172 लोगों ने इसे रिट्वीट किया है.


विरोध प्रदर्शन के दौरान दिया बयान



चांदना ने कोटा में कांग्रेस पार्टी द्वारा भाजपा के खिलाफ आयोजित विरोध प्रदर्शन के दौरान यह बयान दिया. इस अवसर पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा, "दिलावर साहब! ये वही आदिवासी हैं जिन्होंने आजादी के समय राजस्थान की धरती पर अंग्रेजों के सामने घुटने नहीं टेके. उन्होंने संघर्ष किया और 1900 आदिवासी शहीद हो गए, लेकिन देश को आजादी दिलाकर ही दम लिया. 



आप इन आदिवासी भाइयों का डीएनए टेस्ट करना चाहते हैं. पहले हम राजस्थान विधानसभा में आपके 16 मुकदमों का डीएनए टेस्ट करेंगे, और यह तब तक जारी रहेगा जब तक मंत्री मदन दिलावर अपने बयान के लिए माफी नहीं मांग लेते."


राजकुमार रोत ने जताई थी नाराजगी 



इससे पहले, बांसवाड़ा के सांसद राजकुमार रोत ने शिक्षा मंत्री के बयान पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था, "उनका मानसिक संतुलन बिगड़ चुका है. जल्द ही मेरे ब्लड सैंपल को शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के सरकारी आवास पर भेजा जाएगा, और हर आदिवासी के घर से सैंपल भेजने का अभियान शुरू किया जाएगा. 



मंत्री जी, कृपया डीएनए टेस्ट मशीन की व्यवस्था कर लें." इसके बाद, जयपुर में पत्रिका गेट पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के आदिवासी समुदाय को लेकर दिए बयान के खिलाफ ST-SC, OBC, माइनॉरिटी और अन्य समुदाय के सदस्यों ने मिलकर आक्रोश व्यक्त किया था.