Rajasthan Politics- एक बार फिर `समधियाने` पहुंची वसुंधरा राजे, निभाया समधन होने का फर्ज, खूब मिला समर्थन
Rajasthan Politics: शुक्रवार को झालावाड़ जिले गुर्जर समाज के सामूहिक विवाह कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने शामिल होकर गु्र्जर समाज को अपना समधियाना बताया. साथ ही बालिका शिक्षा को लेकर समाज के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की.
Rajasthan Politics: पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने शुक्रवार को झालावाड़ जिले एक बार फिर गुर्जर समाज के सामूहिक विवाह कार्यक्रम में शामिल होकर अपना रिश्ता जताया.. इस सामूहिक विवाह कार्यक्रम में शामिल होने पर पूर्व मुख्यमंत्री राजे ने गु्र्जर समाज को अपना समधियाना बताते हुए कहा कि मैं तो गुर्जर समाज की समधन हूं, कैसे नहीं आती?
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झालावाड़ जिले के दौरे पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे
बतादें कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे इन दिनों झालावाड़ जिले के दौरे पर है. इस दौरान राजे ने विधानसभा क्षेत्र के लोगों के साथ ही विभिन्न गांव का दौरा कर रही है. साथ ही अलग-अलग समाज के सामूहिक विवाह सम्मेलन में शिरकत कर लोगों से संवाद भी किया. शुक्रवार को गुर्जर समाज के सामूहिक विवाह सम्मेलन में पहुंची पूर्व सीएम ने सम्मेलन में शामिल होने पर कहा कि 'गुर्जर समाज के इस सम्मेलन में मुझे आना ही था. समधन जो हूँ इस समाज की.'
हम एक दूजे के साथ मजबूत डोर से बंधे हुए है- राजे
रज ने आगे कहा कि न गुर्जर समाज मुझ से अलग हो सकता और न मैं. हम एक दूजे के साथ मजबूत डोर से बंधे हुए है.और मैं तो वैसे भी 36 की 36 क़ौम को साथ लेकर चलती हूँ.हमारे प्रधानमंत्री जी का मंत्र है सबका साथ,सबका विकास,सबका विश्वास और सबका प्रयास.हम इसे लेकर ही आगे बढ़ रहें है.
बालिका शिक्षा को लेकर राजे ने जताई चिंता
सम्मेलन में शामिल होने के बाद लोगों से रूबरू होने पर सभी से बालिका शिक्षा को लेकर चिंता जताई. साथ ही पूर्व सीएम ने कहा कि आज भी समाज में महिला और पुरुष में उतनी समानता नहीं है,जितनी होनी चाहिए.आज भी छोटे गांवों में लड़कों की पढ़ाई पर तो ध्यान दिया जाता है पर लड़कियों की पढ़ाई पर उतना नहीं इसलिए अब आवश्यक है कि सामूहिक विवाह सम्मेलन जैसी अच्छी पहल के साथ समाज के लोग बालिका शिक्षा के लिए भी प्रोत्साहन शिविर लगायें जिससे कि हमारा सम्पूर्ण समाज शिक्षित हो सके.
झालावाड़ में कई हुए बदलाव
आगे उन्होंने कहा कि 3 दशक पहले जब वे हाड़ौती आई थी तब, हालत कुछ अलग थे. आज कुछ अलग.खास कर उस वक्त के झालावाड़ और आज के झालावाड़ में बड़ा अंतर है. पूर्व सीएम ने कहा कि इन दशकों में झालावाड़ कई बड़े परिवर्तनों का गवाह बना.अब तो यहाँ हवाई जहाज तक उतर रहें हैं.उस झालावाड़ में जहां नदी-नालों के कारण अधिकतर समय आवागमन अवरुद्ध रहा करता था.आज उसी झालावाड़ के चारों तरफ़ सरसराती-चमचमाती चौड़ी-चौड़ी सड़कें भी दिखाई दे रही हैं.यह सब यहाँ के लोगों की मेहनत,आशीर्वाद और सहयोग का कमाल है.
हमारी टीम ने बदलाव में निभाई भूमिका-राजे
उन्होंने कहा कि एक वक्त वो भी था जब ईलाज के लिए दौड़-दौड़ कर यहां के लोगों को कोटा जाना पड़ता था,पर आज यहाँ मेडिकल कॉलेज है.सालों से सिंचाई के लिए तरस रहे यहाँ के किसानों के लिए आज कई सिंचाई परियोजनाएं है.उद्योग धंधे है.शिक्षा के लिए बड़ी-बड़ी संस्थाएँ है.पर्याप्त आधारभूत संरचनाएँ है.यह प्रतिफल है हमारी टीम का.
2003 में गुर्जर समुदाय ने बनाया था समधिन
आपको बता दें 2003 में राजस्थान की मुख्यमंत्री बनने से पहले वसुंधरा राजे ने परिवर्तन यात्रा निकाली थी. इस दौरान वसुंधरा राजे ने राजपूत, जाट और गुर्जर समुदाय से रिश्ता बताते हुए विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी.इस दौरान राजपूत समुदाय ने बेटी, जाट समुदाय ने बहू और गुर्जर समुदाय ने समधिन मानते हुए वसुंधरा राजे का चुनरी ओढ़ाकर उनका प्रदेश में भव्य स्वागत किया था. इस यात्रा के जरिए प्रदेश में 13 हजार किलोमीटर का सफर कर वसुंधरा राजे ने भाजपा को 120 सीटों पर जीत दिलाई. पार्टी ने वसुंधरा राजे को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाया.
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