Madan Dilawar : मदन दिलावर कोई बयान दें और हंगामा ना हो, ये नहीं हो सकता. कट्टर हिंदूवादी छवि और बेबाक रूप से अपनी राय रखने वाले दिलावर, राजस्थान में शिक्षा मंत्री है. आए दिन अपने बयानों के लिए चर्चा का विषय बने रहने वाले मदन दिलावर ने अबकी बार आदिवासियों के हिंदू होने पर सवाल किया है.


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मामले को लेकर राजकुमार रोत और उनकी पार्टी सड़क पर उतर चुकी है. बात अब DNA जांच तक पहुंच चुकी है. राजकुमार रोत ने समर्थकों से बाल और नाखून के सैंपल डीएनए जांच को देने की अपील कर डाली है. तीसरी बार राजस्थान सरकार में मंत्री बने मदन दिलावर संघ के करीबी और पार्टी के पुराने कार्यकर्ता रहे हैं. कभी वसुंधरा के करीबी बताये जाने वाले मदन दिलावर पार्टी में अलग पहचान रखते हैं.


बारां के गरीब दलित परिवार में जन्मे मदन दिलावर, जो पहले अहमदाबाद से थोक रेट पर साड़ियां खरीदकर कोटा में बेचते थे. पहले RSS और फिर बजरंग दल में शामिल हुए. मदन दिलावर, राम जन्मभूमि आंदोलन का भी हिस्सा बने थे. 1993 से लगातार तीन बार बारां अटरू विधानसभा सीट पर जीत को बरकरार रखने में कामयाब रहें.


संघ के करीबी होने का फायदा दिलावर को मिलता रहा है. लेकिन पार्टी का एक धड़ा ऐसा भी है, जो दिलावर के बयानों से पार्टी की छवि को हो रहे नुकसान को समझता है. कोटा में शिक्षक का निलंबन, योग को पोंगापंती ,अकबर को बलात्कारी बताने वाले दिलावर अपने हिंदुत्व वाली कट्टर छवि के लिए जाने जाते हैं.


मिशनरी स्कूल पर एक्शन हो या फिर स्कूलों में सूर्य नमस्कार अनिवार्य करना, राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को पहले भी कई बार अपने फैसलों के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा है. लेकिन इस बार मामला ज्यादा गंभीर है, क्योंकि इस बार बयान का असर सड़क तक दिखने लगा है. 


भारतीय आदिवासी पार्टी के राजकुमार रोत, आदिवासियों के डीएनए टेस्ट के लिए अपना खून सीएम को भेजने का बात कर चुके हैं. संसद का सत्र भी शुरु हो चुका है. ऐसे में राजकुमार रोत भीलप्रदेश के साथ ही आदिवासियों के डीएनए वाले बयान के मुद्दे को भी उठाएंगे.


खैर मदन दिलावर के बयानों को लेकर राजनीतिक विशेषज्ञ एकमत नहीं दिखते हैं, कुछ उन्हे स्पष्टवादी कहते हैं, तो कुछ कट्टरवादी. अभी के परिदृश्य में देखें तो मदन दिलावर को बीजेपी का राजस्थान में हिंदुत्व चेहरा कहना गलत नहीं होगा. मामला अगर बड़ा हुआ तो क्या पार्टी कोई एक्शन लेगी ये कहना भी मुश्किल है.