RAJASTHAN POLITICS : राजस्थान की बांसवाड़ा सीट पर महेंद्र जीत सिंह मालवीय को हराकर चर्चा में आए भारत आदिवासी पार्टी के सांसद राजकुमार रोत क्या एनडीए का हिस्सा बनने वाले हैं ? राजकुमार रोत और उनकी पार्टी के विधायकों ने मुख्यमंत्री भजनलाल से मुलाकात की थी. जिसकी फोटो वायरल है. 


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हालांकि राजकुमार रोत के एनडीए में शामिल होने के कयासों को पहले खुद  सोशल प्लेटफार्म X पर नाकार दिया था और इसे झूठी अफवाह बताया था. लेकिन फिर सीएम भजनलाल से मुलाकात के मायने समझने भी जरूरी है. चलिए तो पहले ये जान लीजिए, कि राजकुमार रोत का सियासी कद कम समय में कैसे बढ़ा है.


8 महीने पहले बनी भारत आदिवासी पार्टी के राजस्थान के साथ ही मध्यप्रदेश में 4 विधायक हैं. चौरासी विधानसभा में उपचुनाव होना है, जहां भारत आदिवासी पार्टी का दबदबा पहले से हैं. ऐसे में ये सीट भी पार्टी के खाते में जा सकती है.


इधर लोकसभा चुनाव 2024 में बांसवाड़ा में भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) की जीत ने दक्षिणी राजस्थान के आदिवासी बहुल इलाके में राजनीतिक समीकरण बदल दिए. भील प्रदेश और आरक्षण में अनुसूचित जनजातियों के लिए बढ़ोत्तरी जैसे मुद्दे एक बार फिर चर्चा का विषय होंगे, जिसकी गूंज संसद में भी होगी.



आपको बता दें कि बांसवाड़ा की आरक्षित सीट पर बीएपी के उम्मीदवार राजकुमार रोत ने  2,47,054 वोटों के अंतर से जीत हासिल की है. महज 31 साल के राजकुमार रोत ने पूर्व मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय को ये मात थी है. हमेशा से कांग्रेस का गढ़ रहा बांसवाड़ा और डूंगरपुर इस बार बीएपी के खाते में हैं. वजह साफ है कि इस बार आदिवासी नए अधिकारों की मांग को लेकर सजग हैं. 


इधर एकाएक राजकुमार रोत, सीएम भजनलाल शर्मा से मिलने पहुंचे.  उनके सात बागीदौरा विधायक जयकृष्ण पटेल भी थे. दरअसल राजकुमार रोत, डूंगरपुर की चौरासी विधानसभा से विधायक थे और अब सांसद बन चुके हैं. सांसद बनने के बाद अपनी विधायकी से इस्तीफा देने वो विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी से मिले. राजकुमार रोत के साथ आए बागीदौरा विधायक जयकृष्ण पटेल भी कुछ दस्तावेज पूरे करने पहुंचे थे.