Ashok Gehlot - Sachin Pilot : राइट टू हेल्थ कानून को लेकर चल रही डॉक्टर्स के आंदोलन को लेकर पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने सरकार को खरी खरी कही है. पायलट ने कहा कि कानून को लेकर सरकार की मंशा ठीक हो सकती है, लेकिन आज के हालात में मरीज परेशान हो रहे हैं. सरकार को डॉक्टर्स से पायलट वार्ता करके बीच का रास्ता निकालना चाहिए ताकि मरीजों को परेशानी से बचाया जा सके. पायलट ने कहा कि इस मामले में समझौता ही आखिरी रास्ता है, लेकिन जितनी देर होगी उतना मरीजों को नुकसान होगा.


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राइट टू हेल्थ को लेकर आंदोलन कर रहे डॉक्टरों का प्रतिनिधि मंडल आज पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट से मिलने के उनके सिविल लाइंस स्थित आवास पर पहुंचा. पायलट और डॉक्टरों के बीच करीब डेढ़ घंटे तक वार्ता हुई. वार्ता के बाद सचिन पायलट मीडिया से रूबरू हुए. पायलट ने कहा कि डॉक्टर्स की हडताल के कारण आज प्रदेश में जो हालात हैं वो अच्छे नहीं है. डॉक्टर्स नर्सेज की बात सुनकर सरकार को भी ऐसा का रास्ता निकालना चाहिए ताकि मरीज सफर नहीं करें. प्रदेश में कई जगह संदेश आ रहे हैं कि लोगों को सही इालज नहीं मिल रहा है. हम सबकी जिम्मेदारी बनती है कि हॉस्पिटल व डॉक्टरर्स के रूख को सुनना चाहिए रास्ता ऐसा निकलना चाहिए जिसमें किसी को पीडा नहीं हो. राजस्थान में सैंकडों हजारों लोग ऐसे हैं जिन्हें ट्रीटमेंट की जरूरत है. ऑपरेशन या मेडिकल इमरजेंस की जरूरत है. वो इंतजार नहीं कर सकते हैं. इस स्थिति को सुधारने के लिए वार्ता करनी चाहिए. वार्ता से सबकुछ संभव है. सार्थक वार्ता होगी तो हल निकल सकता है.


सरकार और या डॉक्टर कोई भी अडियल नहीं हो. कोई भी डॉक्टर नहीं चाहेगा कि मरीजों को इलाज नहीं मिले. कोई न कोई रास्ता निकलना चाहिए. ऐसा नहीं है कि पहले अडचने नहीं आई हो या टकराव नहीं हुआ है, लेकिन यह मामला बहुत ही मार्मिक है और लाखों करोड़ों लोगों का सवाल है. पायलट ने कहा किपायलट राज्यऔर केंद्र में भी हमने राइट टू एज्युकेशन, राइट टू इनफाॅर्मेशन सहित कई कानून बनाए हैं. फूड सिक्योरिटी कानून पास हुआ है. सरकार भी चाहती है कि लोगों को अच्छा और सरल इलाज उपलब्ध कराएं. इसके परिभाषा व रूल्स क्या होंगे इस पर चर्चा करनी चाहिए. जल्द करना चाहिए ताकि पब्लिक सफर नहीं करें.


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