सचिन पायलट की यात्रा का दूसरा दिन, पार्टी छोड़ने के सवाल पर दिया बड़ा बयान
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सचिन पायलट की दूसरे दिन की यात्रा किशनगढ़ टोल से शुरू हुई. दोपहर के विश्राम के बाद बिड़ला स्कूल के पास बांदर सिंदरी से यात्रा की शुरुआत होगी और गैजी मोड़ पाड़ासौली में रात्रि विश्राम होगा. इस बीच पायलट ने पार्टी छोड़ने के सवाल पर बड़ा बयान दिया है...
Rajasthan Politics : 11 मई से शुरू हुई सचिन पायलट की जन संघर्ष यात्रा का आज दूसरा दिन है. पायलट अपने समर्थकों को साफ कह चुके हैं कि ये आग का दरिया है और तैर कर जाना है.
पार्टी छोड़ने पर किये गये सवाल पर सचिन पायलट ने कहा कि आप सबको अटकलें लगाने की जरूरत नहीं है. मैं जो भी कहता करता हूं, सबके सामने रखकर करता हूं.
सचिन पायलट ने कहा कि मैं लुका छुपी का गेम नहीं खेलता. मैनें जो बोला है, सबके सामने बोला है. मेरा डबल मीनिंग भी नहीं है. मैंने अपनी बात को बार-बार रखा है. सबके सामने रखा.
इस बार सचिन पायलट के रंग, ढंग और तेवर सबमें बगावत !
पायलट ने कहा कि मेरी मांग सामूहिक या व्यक्तिगत नहीं है. पद की लालसा या आकांक्षा पर कम से कम मेरे ऊपर कोई आरोप नहीं लगा सकता. पार्टी ने मुझे बहुत कुछ दिया है.
सचिन पायलट यहीं नहीं रूके और कहा कि मैं बड़े पदों पर रह चुका हूं. हमारी पॉलिटिक्स के बारे में सब लोग जानते हैं. मेरा घोर विरोधी भी मुझ पर उंगली नहीं उठा सकता. हमारी निष्ठा और ईमानदारी पर उंगली नहीं उठा सकता.
लेकिन लोकतंत्र में सबकी सुननी पड़ेगी. जवानों की भावना का सम्मान करना पड़ेगा. ये नौजवान हमारे देश की सबसे बड़ी पूंजी है. अगर इनकी भावनाओं का सम्मान नहीं करेंगे. संघर्ष नहीं करेंगे, इनके हाल पर छोड़ देंगे, तो कैसे होगा ? सत्ता–विपक्ष, आना-जाना ये सब चलता रहेगा. जो लोग अपना दायित्व नहीं निभा रहे हैं, उनका क्या ?
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सचिन पायलट से जब गहलोत के नेतृत्व में चुनाव लड़ने पर सवाल हुआ तो पायलट ने कहा कि ये प्रश्न काल्पनिक है. जब–जब पार्टी सत्ता में हो, तब मुख्यमंत्री चेहरा होते हैं. और जब विपक्ष में होते हैं तो प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में चुनाव की जिम्मेदारी रहती है.
पायलट बोले कि पिछले 25 साल में सीएम की अगुवाई में लड़े चुनाव में हम नहीं जीत सके है. भविष्य में क्या होगा ? पार्टी नेतृत्व तय करता है.