सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने 125 किलोमीटर की अपनी यात्रा की शुरुआत के लिये अजमेर को चुना, क्योंकि अजमेर स्थित आरपीएससी के पेपर लीक (RPSC Paper Leak)के चर्चे संपूर्ण ब्रम्हाड में है और सरकार के खिलाफ इस मुद्दे को लेकर राजस्थान (Rajasthan )के युवाओं में उबाल भी है.
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Jaipur news : दिल थाम लीजिए. कुर्सी की पेटी बांध लीजिए. मोहल्ले की बेकार की कानाफूसी छोड़िए. गली मोहल्ले नुक्कड़ चौपाल पर अपनी वजनी राय के साथ डेरा जमा लीजिए. क्योंकि संघर्ष के नाम पर बगावत का बिगुल फूंका जा चुका है.
रास्ते और वास्ते दोनों तय हो चुके हैं. और अगर कुछ तय नहीं हुआ तो बस ये कि सचिन पायलट का मुस्तकबिल क्या होगा. सचिन पायलट गले में पीला गमछा लिए मुट्ठी बांधे पोस्टर में संघर्ष आ अह्वान कर रहे हैं कि चलो मेरे साथ चलो. चलो उनकी लुटिया डुबोने जिन्होने सचिन को कभी तरने नहीं दिया. सत्ता का सुख कभी भरने नहीं दिया. इस बार सचिन पायलट के रंग, ढंग और तेवर सबमें बगावत !
मौसम विभाग चाहे जो कहे तैयार रहे. अजमेर से लेकर जयपुर तक. 11 से लेकर 15 तक. सियासी गर्मी इतनी पड़ने वाली है कि बहुत कुछ पिघल कर भाप हो जाएगा. अगर कुछ नहीं पिघलेगी तो वो है पायलट और गहलोत के बीच जमी वो बर्फ जिसकी तासीर इतनी गर्म हो चुकी है कि समझौते की कोई गुंजाइश नहीं बची.
सचिन ने 125 किलोमीटर की अपनी यात्रा की शरुआत के लिये अजमेर को चुना क्योंकि अजमेर स्थित आरपीएससी के पेपर लीक के चर्चे संपूर्ण ब्रम्हाड में है और सरकार के खिलाफ इस मुद्दे को लेकर युवाओं में उबाल भी है.
सचिन की टार्गेट ऑडियंस युवा है वो युवा जो सचिन के हिसाब से सरकार के विरोध में उनके साथ सड़कों पर होगा. जो जाति बिरादरी से ऊपर उठकर साथ चलेगा. वो युवा जिसके लीडर के तौर पर सचिन की ब्रांडिग है. और वो युवा जो सोशल मीडिया पर भूचाल लाने की हैसियत रखता है.
पायलट ने सियासी युद्ध के सारे मोर्चे खोल दिये है. पेपर लीक और भ्रष्टाचार पर सरकार के खिलाफ. संघर्ष के नाम पर गहलोत के खिलाफ. जांच के नाम पर वसुंधरा के खिलाफ और तवज्जो के नाम पर कांग्रेस आलाकमान के खिलाफ. Sachin Pilot News : सचिन पायलट का वो भाषण जब कांप रहे थे हाथ-पैर...
सचिन पायलट अजमेर से सांसद रहे हैं जानते हैं कि यहां के लोगों में उनके लिये एक खास लगाव है. सचिन के पास अजमेर में पुराना बनाया एक पूरा सिस्टम है. अजमेर संभाग के आस पास गुर्जर बहुल इलाकों का पूरा सहयोग है. टोंक से विधायक होने के कारण मुस्लिम वर्ग का साथ है.
सचिन ने समझदारी के साथ सिर्फ 125 किमी की यात्रा का प्लान बनाया है जाहिर है यात्रा देखने में छोटी जरूर लगेगी लेकिन घाव गंभीर कर सकती है. छोटी यात्रा के फेल होने का खतरा भी कम है और सिर्फ 4 दिन में पूरा सियासी माहौल खड़ा किया जा सकता है.
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