Rajasthan Politics : 11 जून यानि की इस रविवार को सचिन पायलट (Sachin Pilot)की नई पार्टी (new party Formation) की घोषणा की अटकलों की बीच राजस्थान प्रदेश कांग्रेस (congress)कमेटी समेत पार्टी की तरफ से अपने संगठन में बड़ा फेरबदल करने की खबर है.  वर्तमान में गोविंद सिंह डोटासरा राजस्थान में पार्टी प्रमुख हैं और सुखजिंदर सिंह रंधावा राज्य प्रभारी है.


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वैसे भी कांग्रेस हो और या बीजेपी आगामी विधानसभा चुनावों और लोकसभा चुनावों के चलते संगठन स्तर में और रणनीति में बदलाव जारी हैं. संभवता राजस्थान में सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच जारी रस्साकशी के तहत ये बदलाव हो रहे हों. 


सचिन पायलट और गहलोत के बीच जारी जंग को पार्टी की तरफ से कई बार खत्म करने की कोशिश हो चुकी है. चाहे राहुल गांधी की भारत जोड़ों यात्रा रही हो या फिर कर्नाटक में मिल अप्रत्याशित सफलता, पार्टी ने दोनों ही मौकों पर इस लड़ाई से लोगों का ध्यान हटाया हैं.


राहुल गांधी के अमेरिका दौरे से पहले गहलोत और सचिन पायलट के मुद्दे को सुलझाने की कोशिश भी हुई. वो बाद अलग है कि पार्टी के पास अभी तक इस सुलह का कोई फॉर्मूला तक नहीं है.  फिर भी कांग्रेस के वरिष्ठा नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा कि सचिन पायलट की पार्टी को तोड़ने का कोई योजना नहीं है.


फिर भी अगर सचिन पायलट नई पार्टी बनाते हैं, तो उनके लिए रास्ता कठिन होगा. चुनाव आयोग के नियमों के मुताबिक किसी भी नई पॉलिटिकल पार्टी के लिए चुनाव आयोग के पास आवेदन करने के लिए कम से कम 100 सदस्य होने चाहिए. लेकिन आवेदन से पहले ही पार्टी से इस्तीफा देना होता है.


आवेदन के बाद नई पार्टी के रजिस्ट्रेशन में 3 महीने से 8 महीने तक लग सकते हैं. जबकि राजस्थान में विधानसभा चुनाव महज 5 महीने बाद हैं. नियमों के अनुसार आचार संहिता लग जाने के बाद नई पार्टी का रजिस्ट्रेशन नहीं होता है. यही नहीं नई पार्टी के संगठन को खड़ा करना, कार्यकारिणी बनाना, प्रचार-प्रसार करना, आर्थिक संसाधन जुटाना ये सब पायलट की राह को और मुश्किल कर सकते है.


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