Udaipur Vidhansabha Election : अगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मन टटोलने के लिए उदयपुर आए मंत्री मुरारी लाल मीणा और भजनलाल जाटव के सामने टिकट को लेकर दावेदारी कर रहे नेताओं के समर्थकों के बीच धक्का-मुक्की और मारपीट हुई. मामला बढता देख वहां मौजूद पुलिसकर्मियों और पार्टी के वरिष्ठ नताओं ने बीच बचाव कर मामले को शांत किया. समर्थक मंत्रियों के सामने अपने-अपने नेता को टिकट देने के लिए नारेबाजी करते नजर आए. इस दौरान पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं ने बहारी प्रत्याशी को टिकट देने की चर्चा को लेकर हंगामा किया.


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कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सूचना केन्द्र परिसर में उदयपुर शहर जिला इकाई के कार्यकर्ताओं का मन टटोलने के लिए आए मंत्री मुरारी लाल मीणा और भजनलाल जाटव के सामने ही चुनावी मैदान में दावेदारी कर रहे नेताओं के समर्थक आपस में भीड़ गए. दरअसल सूचना केन्द्र सभागार में आज शहर जिला इकाई के कार्यकताओं की एक बैठक आयोजित की गई. बैठक के दौरान नेताओं ने दावेदारों को सुना साथ ही कार्यकर्ताओं को एकजुट हो कर विधानसभा चुनाव के मैदान में उतरने की सीख दी. लेकिन मंत्री और नेताओं की यह सीख चंद मिनटों तक कार्यकर्ता हजम नहीं कर पाए.


बैठक के बाद जब मंत्री मीणा और जाटव सुचना केन्द्र से रवाना होने लगे, तो उनके सामने ही चुनावी मैदान में उतरने के लिए दावेदारी कर रहे राजीव सुहालका और दिनेश श्रीमाली के समर्थक नारेबाजी करने लगे. इस दौरान उनके बीच विवाद हो गया और गाड़ी में बैठे मंत्रियों के सामने ही कार्यकर्ता आपस में भीड़ गए. मामला बढ़ता देख वहां मौजूद पुलिस जाब्ते ने समर्थकों को अगल करने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो पाए. इस पर शहर जिलाध्यक्ष फतहसिंह राठौड़ सहीत अन्य नेताओं ने बीच-बचाव कर मामले को शांत किया. कड़ी मशक्कत के बाद कार्यकर्ताओं को अलग कर मंत्री की गाडियों को रवाना किया गया. इस घटना के बाद शहर जिलाध्यक्ष फतह सिंह ने इसे कार्यकर्ताओं का जोश बताया. वहीं बाद में टिकट की दावेदारी कर रहे नेताओं ने भी एकजुट होने का दांवा किया.



वहीं बैठक के दौरान कुछ कार्यकर्ताओं ने मंत्री मीणा और जाटव के सामने स्थानिय कार्यकर्ता को चुनावी मैदान में उतरने की वकालात की. उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर में पार्टी उदयपुर में मजबूत हो रही है. ऐसे में स्थानिय नेता को टिकिट दिया तो जीतने की संभावना अधिक हो जाएगी.


वहीं समर्थकों के बीच हुए टकराव पर सफाई देते हुए मंत्री भजनलाल जाटव ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में लोकतंत्र है. यहां हर किसी को अपनी बात रखने का हक है. पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच कोई टकराव नहीं है. सभी एकजुट हो कर चुनाव लडेगें. हालाकि बाहरी दावेदार को टिकट देने के सवाल पर जाटव ने कहा कि पार्टी ने टिकट के लिए सर्वे करावाया हैं. उसमें अगर स्थानिय नेताओं के मुकाबले बाहरी दावेदार जुताऊ हुआ तो उसे टि​कट दिया जाएगा.


बहरहाल कांग्रेस पार्टी गुटबाजी और नेताओं के बीच मनमुटाव के चलते उदयपुर में विधानसभा चुनावों में बीते दो दशकों से हार का समाना करना पड़ रहा है. ऐसे में इस बार के चुनाव से पूर्व भी हालात बदले हुए नजर नहीं आ रहे है. अगर समय पर पार्टी आलाकमान ने कार्यकर्ताओं को संतुष्ठ करने के साथ एकजुट नहीं किया तो आने वाले चुनाव में कांग्रेस के लिए उदयपुर शहर की सीट से जीत दर्ज कर पाना ओर मुश्किल हो जाएगा.


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