Pratapgarh News: प्रतापगढ़ की कई आवासीय कॉलोनियों में धड़ल्ले से व्यावसायिक गतिविधियां चल रही हैं, यह सब नगरपरिषद और प्रशासन की जानकारी में है, फिर भी कोई पुख्ता कार्रवाई नहीं हो रही. इन कॉलोनियों में व्यावसायिक गतिविधियां इतनी तेजी से बढ़ी है कि कई जगह तो पूरे मार्केट ही बन गए. घर नजर ही नहीं आ रहे. सभी मकानों में किसी न किसी व्यावसायिक गतिविधि का संचालन हो रहा है. 


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व्यावसायिक गतिविधियों से केवल नगरपरिषद को ही नहीं बिजली निगम,जलदाय विभाग को भी सालाना करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है. शहर में ऐसा ही एक मामला नगरपरिषद के विवादित भूमि पर सामने आया है,


आवासीय पट्टा 69ए के तहत जारी कर दिया गया 


इस जमीन पर पहले से विवाद होने के बाद भी नगर परिषद् ने कांग्रेस के शासन काल में इस भूमि पर व्यावसायिक गतिविधि करने वाले व्यक्ति को फायदा पंहुचाने के लिए साल 2023 में आवासीय पट्टा 69ए के तहत जारी कर दिया गया है.


तत्कालीन नगर परिषद आयुक्त और सभापति के हस्ताक्षर से जारी यह पट्टा बिना मिलीभगत के होना समझ से परे है. नगर परिषद ने अपनी विवादित भूमि पर जहां मुख्य सड़क मार्ग से जाने तक का रास्ता तक नहीं है वहां पर करोड़ों की भूमि पर पट्टा जारी कर दिया है.


 कलेक्टर ने एक जांच कमेटी भी तैयार की थी


नगर परिषद् में हुए 69ए के पट्टों में गड़बड़ी के मामले को लेकर अभी कुछ समय पहले ही फर्जी पट्टों को लेकर कलेक्टर ने एक जांच कमेटी भी तैयार की थी. लेकिन 15 दिन में जांच रिपोर्ट तैयार करने वाले अधिकारी एक महीने से भी अधिक समय बितने के बाद भी नगर परिषद् में जारी हुए 69ए के पट्टों की तत्यात्मक रिपोर्ट तैयार नहीं कर पाए हैं.


गौरतलब है कि शहर के मुख्य पॉश कॉलोनी तिलक नगर में एक आवासीय जगह पर लंबे समय से व्यावसायिक गतिविधियां की जा रही है, यहां तोल कांटा संचालित किया जा रहा है. नगर परिषद् की विवादित भूमि पर चल रहे तोल कांटे पर नगर परिषद् ने वर्ष 2023 में इस जगह पर आवासीय पट्टा जारी भी कर दिया है.


 लेकिन यहां वर्ष 2023 से पहले से व्यावसायिक गतिविधियां संचालित की जा रही है. अब नगरपरिषद पर यह सवाल खड़े हो रहे हैं कि जब आवासीय जगह पर पट्टा जारी होने के पहले से ही व्यावसायिक गतिविधियां संचालित थी, तो वहां नगर परिषद की ओर से आवासीय पट्टा कैसे जारी कर दिया गया?


व्यावसायिक गतिविधियां होने के कारण जहां कॉलोनीवासियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, दूसरी ओर नगरपरिषद के अलावा अन्य कई विभागों को भी राजस्व की चपत लग रही है.खास बात यह है कि आवासीय जगह पर चलाई जा रही व्यावसायिक गतिविधियों की जानकारी विभागीय अधिकारियों को भी है, लेकिन आज तक कार्रवाई नहीं की गई.


भूमि पर आवासीय पट्टा जारी


मामले में जब नगर परिषद सभापति प्रतिनिधि प्रहलाद गुर्जर और नगर परिषद के एईएन धूलीचंद से जब इस मामले में बात की गई तो इनका कहना है आवासी जमीन पर व्यावसायिक गतिविधियों का संचालन नहीं हो सकता है. इसके लिए आवासीय पट्टा लेना होता है. शिकायत मिलने पर हम कार्रवाई करेंगे,जबकि नगर परिषद 6 महीने पहले ही बिना जांच पड़ताल के एक इस भूमि पर आवासीय पट्टा जारी कर दिया.


 दूसरी सबसे बड़ी बात मुख्य मार्ग से इस भूमि पर जाने का कोई रास्ता नहीं है. इसके बाद भी मुख्य मार्ग से इस आवासी जगह पर जाने का कोई रास्ता नहीं होने के बाद भी इस भूमि पर चल रहे तोल कांटे पर बड़े वाहन आ जा रहे है.ऐसे में शहर के बिच से गुजरते नेशनल हाइवे 56 पर भी हादसों का डर बना रहता है.


आवासीय कॉलोनी में रहने वाले अन्य लोगों का कहना है कि व्यावसायिक गतिविधियों होने में कारण यहां दिन भर शोर-शराबा, गलत तरीके से वाहनों को पार्किंग किए जाने से परेशानियों का सामना करना पड़ता है. यहां तोल काटा होने के कारण बड़े वाहनों का भी लगा रहता है, जिसके चलते कई बार जाम भी लग जाता है.


 काफी परेशानी उठानी पड़ती है


जिसके चलते रहवासियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. कॉलोनी में व्यावसायिक वाहन सड़कों पर ही खड़े कर दिए जाते है जिसके कारण आस-पास के लोगों व स्कूल बसों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है.


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