Pratapgarh News : खुद को जिला परिषद कर्मचारी बता कर की लाखों की ठगी, नौकरी और सरकारी योजानाओं का दिया झांसा, गिरफ्तार
Pratapgarh News : राजस्थान के प्रतापगढ जिले की अरनोद थाना पुलिस ने जिला परिषद का फर्जी कर्मचारी बनकर सरकारी योजनाओं का लाभ और नौकरी लगवाने का झांसा देकर लाखों रूपयों की ठगी करने के मामले में वांछित आरोपी को गिरफ्तार किया है. उसे न्यायालय में पेश कर पुलिस अभिरक्षा में लिया है.
Pratapgarh News : राजस्थान के प्रतापगढ जिले की अरनोद थाना पुलिस ने जिला परिषद का फर्जी कर्मचारी बनकर सरकारी योजनाओं का लाभ और नौकरी लगवाने का झांसा देकर लाखों रूपयों की ठगी करने के मामले में वांछित आरोपी को गिरफ्तार किया है. उसे न्यायालय में पेश कर पुलिस अभिरक्षा में लिया है.
पुलिस ने बताया कि आरोपी साइबर ठगी करने का शातिर आदतन अपराधी है. थाना प्रभारी हजारीलाल ने बताया कि 11 दिसंबर को फतेहगढ़ के सरपंच भैरूलाल पुत्र पिता राजिया मीणा निवासी फतेहगढ़ ने रिपोर्ट दी कि 12 नवंबर को उसके मोबाइल पर फोन आया. उक्त युवक ने उसका नाम कमलेश सुथार बताया और कहा कि वो जिला परिषद प्रतापगढ़ में लिपिक है.
ग्राम पंचायत में पढ़ी-लिखी लड़कियों की सूचना भेजो और सभी के आधार कार्ड के साथ ही परिवार के जन आधार कार्ड भी भेजो. जिससे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना में सभी लड़कियों को जोड़ा जाएगा. जिसमें प्रत्येक को 75 हजार रुपए प्रति लडक़ी को दिलाया जाएगा. उसकी बातों का विश्वास किया.
प्रत्येक लडृकी से फार्म और आवेदन फीस के नाम से तीन हजार रुपए मांगे गए. इसके बाद कुल 23 हजार 500 रुपए उसके खाते में अलग-अलग दिन में जमा करा दिए और फिर लड़कियों को मिलने वाले फायदे के चैक की मांग की तो कोई जवाब नहीं मिला.बात में पता चला कि कमलेश सुथार के नाम का कोई भी व्यक्ति जिला परिषद में काम नहीं करता है और ना ही कोई कर्मचारी जिला परिषद में कार्यरत है. इस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया.
पुलिस अधीक्षक विनीतकुमार बसंल के निर्देश पर टीम बनायी गयी और साइबर सेल और थानाधिकारी को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए. जांच में मोबाइल नम्बर सराडा जिला सलूम्बर का होना पाया गया. जिस पर पुलिस टीम ने सरपंच को उस युवक से लगातार सम्पर्क में रहने को कहा गया. तकनीकी साक्ष्यों की सहायता से पुलिस टीम व सराडा थाने की पुलिस टीम की सहायता से कमलेश पुत्र कालुलाल सुथार निवासी सुथार मोहल्ला सराडा जिला सलुम्बर को डिटेन किया गया.
पूछताछ में उसने बताया कि वो लोगों के साथ नकली सरकारी कर्मचारी बन कर सरकारी योजनाओं के नाम पर फ्रॉड करके पैसे कमाता है. आरोपी को पीसी रिमांड पर पुलिस पूछताछ कर रही है. जिसमें और भी साइबर ठगी के मामले में खुलासा होने की संभावना है. पुलिस पूछताछ में उसने कई खुलासे किया.
आरोपी ने बताया कि साल 2018 में सरकारी योजना श्रम विभाग की जानकारी देकर लोगों से 35 हजार रुपए ठगे थे. इस पर पुलिस थाना हिरण मगरी में मामला दर्ज किया. पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया और जेल भेजा. इसके बाद बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना के झांसा देकर 12 हजार रुपए ठगे. इस पर थाना सुखेर में मुकदमा दर्ज हो गया और जेल चला गया.
इसके बाद आंगनबाडी विभाग में कार्यरत एक महिला कर्मचारी से सम्पर्क किया और आंगनबाडी केन्द्र में महिलाओं को नौकरी लगाने की जानकारी दी. ई-मित्र संचालक देवीलाल पटेल निवासी नावडा से सम्पर्क कराया. यहां करीबन छह महीने तक काम किया. उस काम से करीब बारह लाख रुपए कमाये. आरोपी के खिलाफ पुलिस थाना सराडा में मुकदमा दर्ज हुआ.