Pratapgarh news: काला सोना कही जाने वाली अफीम की फसल पर कई खेतों में फूल आना शुरू हो गए है. हालांकि अभी बहुत कम खेतों में फूल दिखने लगे है. वहीं फसल की बढ़वार को देखते हुए किसान भी फसल की सुरक्षा में जुटे हुए है. वहीं खेतों के चारों तरफ जालियां लगा दी है. फसलों की सुरक्षा के लिए जतन करने में लगे हुए है. 


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 271 गांवों में किसानों ने फसल की बुवाई


कई किसानों ने फसल के ऊपर प्लास्टिक की नेट भी लगा दी है. इस वर्ष नारकोटिक्स विभाग की ओर से जिले में 9 हजार 267 किसानों को अफीम बुवाई के लाइसेंस दिए है. जिसमें 271 गांवों में किसानों ने फसल की बुवाई की है.


77 लाइसेंस को औसत में कमी होने से सीपीएस के तहत शामिल
नारकोटिक्स विभाग की ओर से प्रतापगढ़ औैर अरनोद को प्रथम खंड में शामिल किया गया है. इस वर्ष खंड प्रथम में चीरा लगाने के कुल 3211 लाइसेंस दिए गए है. जबकि गत वर्ष के 77 लाइसेंस को औसत में कमी होने से सीपीएस के तहत शामिल किया गया है. वहीं वर्ष 1998-99 के बाद 2021 तक के पात्र कुल 209 किसानों को भी इस वर्ष से सीपीएस के तहत लाइसेंस दिए गए है. इस प्रकार इस वर्ष कुल 851 किसानों को सीपीएस के तहत लाइसेंस मिले है. 


322 किसानों सीपीएस में शामिल
विभाग की ओर से छोटीसादड़ी खंड में इस वर्ष कुल 5205 किसानों को लाइसेंस दिए गए है. इनमें से चीरा लगाने के कुल 3085 लाइसेंस है. जबकि गत वर्ष कम औसत देने वाले 322 किसानों को सीपीएस में शामिल किया गया है. वहीं गत वर्ष के सीपीएस के 1192 किसानों को सीपीएस में लाइसेंस दिए गए. वहीं कटे हुए पात्र किसानों को इस वर्ष 606 लाइसेंस दिए गए है. इस प्रकार कुल 2120 किसानों को सीपीएस के लाइसेंस दिए गए है. 


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