Pratapgarh news: प्रतापगढ़ में जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ द्वारा पर्यूषण पर्व की आराधना की जा रही है. 8 दिनों तक चलने वाली इस आराधना के अंतिम दिन आdज संवत्सरी मनाई जा रही है. इस दौरान दादा गुरु मंदिर में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन किए गए .यहां पर आयोजित धर्मसभा को जैन संत उपाध्याय इंद्रविजय द्वारा संबोधित किया गया. 


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गौरतलब है कि संवत्सरी पर्व पर जैन समाज द्वारा वर्ष पर्यंत किसी के प्रति किए गए उन कार्यों के लिए जिस किसी का मन दुखा हो क्षमा याचना की जाती है. जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ द्वारा चातुर्मास के दौरान की जा रही धर्म आराधना के तहत दादा गुरु मंदिर में आयोजित धर्म सभा को संबोधित करते हुए जैन संत इंद्रविजय ने जैन दर्शन में बताई गई तप की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि तप से कर्मों की निर्जरा होती है. 


व्यक्ति को पाप कर्मों से डरना चाहिए. संवत्सरी पर्व यानी क्षमापना पर्व पाप क्रियाओ से पीछे हटने पीछे हटने का पर्व है .उन्होंने कहा कि व्यक्ति को अपने ज्यादा से ज्यादा समय को तप आराधना में व्यतीत करना चाहिए. मंदिर में इस दौरान भगवान का पूजन अभिषेक भी किया गया. जैन साधको द्वारा रोजाना प्रातः कालीन और सायंकालीन प्रतिक्रमण भी किया जा रहा है.


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