Pratapgarh News: विजयदशमी, यानी दशहरा, भगवान राम की रावण पर विजय का प्रतीक है. इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है. शारदीय नवरात्रि के अगले दिन मनाए जाने वाले इस पर्व पर जिले भर में व्यायाम शालाओं पर शस्त्र पूजा की गई.

 

इस दिन भगवान राम ने माता सीता को दशानन रावण की कैद से मुक्ति दिलाने के लिए युद्ध कर रावण का वध किया था. इससे पहले उन्होंने शस्त्रों की पूजा की थी. इसके अलावा, मां दुर्गा ने महिषासुर नाम के राक्षस का वध कर बुराई का अंत किया था. इसके बाद देवताओं ने मां दुर्गा के शस्त्रों का पूजन किया था.

 

व्यायाम शालाओं पर शस्त्र पूजा की जाती है, जिसमें तलवार, कटार, लाठी, बंदूक आदि शस्त्रों की पूजा की जाती है. इस दिन लोग अपने शस्त्रों को सजाकर पूजा करते हैं और उनकी सुरक्षा के लिए प्रार्थना करते हैं. विजय दशमी का पर्व हमें बुराई पर अच्छाई की जीत की याद दिलाता है. यह हमें सिखाता है कि सच्चाई और न्याय की राह पर चलना चाहिए. इस दिन रावण के पुतले का दहन करने के अलावा शस्त्रों की पूजा की जाती है, जो हमें शक्ति और सुरक्षा की याद दिलाती है.

 

इस अवसर पर लोग अपने घरों और व्यायाम शालाओं में शस्त्र पूजा कर रहे हैं. लोग इस दिन को बहुत उत्साह और धार्मिक भावना के साथ मना रहे हैं. विजय दशमी का यह पर्व हमें बुराई पर अच्छाई की जीत की याद दिलाता है और हमें सच्चाई और न्याय की राह पर चलने के लिए प्रेरित करता है.

 

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