Pratapgarh News : प्रतापगढ़ जिले के देवगढ़ थाना इलाके के देवाकमाता के जंगल में कल देर रात को शिकार के लिए एक बाड़े में घुसे दो पैंथर को वन विभाग और पुलिस ने सतर्कता और सुझबुझ दिखाते हुए रेस्क्यू कर जंगल में भगाया. वहीं बाड़े में बंधे मवेशियों और वहां सोए किसान परिवार को भी सुरक्षित निकाला. 


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सहायक वन संरक्षक दारासिंह राणावत ने बताया कि देवाकमाता के जंगल में मेहंदीखेड़ा वन क्षेत्र के चोखा गांव में देवीलाल और धनपाल मीणा निवासी कोतवाल ने एक मगरी पर बाड़ा बना रखा है. इसके साथ ही करीब पांच बीघा क्षेत्र में खेत बनाकर तारबंदी भी की हुई है. वहां से दोनों ने कल रात करीब एक बजे पुलिस और वन विभाग को सूचना दी कि बाड़े में दो पैंथर घुस आए है. इस पर वन विभाग की टीम और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची. जहां सुझबुझ से सबसे पहले वहां से परिवार के सभी सदस्यों को बाहर निकाला और गांव में भेजा. इसके बाद यहां बंधे मवेशियों को एक-एक कर बाहर निकाला और सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया. 


इस दौरान दोनों पैंथर वहां बाड़े के पास नाले और झाड़ियों में छुपे रहे. रात होने के कारण इसके बाद वहां एक दर्जन से अधिक कर्मचारी को तैनात किया गया. सुबह करीब 6 बजे से रेस्क्यू अभियान चलाया गया. जहां सबसे पहले तो खेत की तारबंदी को प्लायर से काटते हुए पूरी जाली को खोल दी. यहां पांच फीट ऊंचाई की तारजाली को खोलते हुए पूरे खेत को खुला किया गया.


 इसके बाद चारों दिशाओं में करीब 50-50 फीट की जाली को हटाकर खुला किया गया. इसके बाद सभी कर्मचारियों ने एक समूह के रूप में जाली को हटाते हुए आगे बढ़े. इस दौरान वहां झाडिय़ों में छुपे दोनों पैंथर खुली जाली वाले स्थान से भागकर जंगल में चले गए. इसके बाद रेस्क्यू टीम ने राहत की सांस ली. टीम की सजगता से कोई हानि नहीं हुई. जिस स्थान पर खेत ओर बाड़़ा बनाया हुआ है. वह जमीन वन विभाग की है. ऐसे में वन विभाग ने यहां से खेत की लोहे की जाली हटा दी है. इसके साथ ही यहां से बाड़ा और जाली को हटाने के निर्देश दिए है. वहीं मगरी पर बाड़ा नहीं बनाने की हिदायत दी गई है.


मौके पर तैनात की गई वन विभाग की टीम


वन विभाग की ओर से मौके पर कर्मचारियों की टीम को तैनात किया गया है. बताया गया है कि एक बार जिस स्थान पर पैंथर के लिए शिकार आसान होता है. वहां पर दुबारा रात को आता है. इस कारण विभाग की टीम को यहां लगातार तीन दिनों तक तैनात किया गया है. जिससे मवेशियों और किसान के परिवार की सुरक्षा हो सके. हालांकि यहां बाड़़े को हटाया गया है.


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