प्रतापगढ़ में सड़कों पर आफत की सफेद चादर, बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि ने बढ़ाई किसानों की चिंता
पश्चिमी विक्षोभ के कारण पलटे मौसम से कांठल में भी दोपहर बाद अंधड़ के साथ ओलावृष्टि हुई. इससे रबी की पकी फसल जमींदोज होने से किसानों के मुंह को आया निवाला छीन गया है.
Pratapgarh: पश्चिमी विक्षोभ के कारण पलटे मौसम से कांठल में भी दोपहर बाद अंधड़ के साथ ओलावृष्टि हुई. इससे रबी की पकी फसल जमींदोज होने से किसानों के मुंह को आया निवाला छीन गया है. शहर समेत कई इलाकों में ओलावृष्टि के कारण ओलों की चादर बिछ गई. तेज अंधड़ के साथ बारिश और ओलावृष्टि से खेतों में पकी फसलें खत्म हो गई. अफीम के डोडे टूटकर खेतों में बिछ गई है. ऐसे में किसानों के अरमानों पर पानी फिर गया है. हालत यह हो गई है कि गेहूं की फसल खेतों में ही खत्म हो गई है. खेतों में फसलें चौपट हो गई है. किसानों के सामाने अब खाने का अनाज की समस्या हो गई है.
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प्रदेश में बिगड़े मौसम के कारण दोपहर बाद से तेज हवा और बारिश का दौर शुरू हुआ. इसके साथ ही करीब पांच मिनट तक ओले भी गिरे. कई इलाकों में नींबू के आकार के ओले भी गिरे है. जिस के कारण खेतों में फसलें आड़ी पड़ गई है. अफीम का दूध भी डोडों से बह गया है. डोडे टूटकर खेतों में गिर गए हैं. खेतों में कटी और पकी फसलें नष्ट हो गई है.
चित्तौडगढ़ के निम्बाहेड़ा विधानसभा क्षेत्र के कई हिस्सों में भी बरसात हो रही है. बंबोरी, जलोदा जागीर क्षेत्र में बारिश के साथ ओले गिरे हैं. काश्तकारों के चेहरे पर चिंता की लकीरें आ गई हैं. गेहूं, सरसों और अफीम की फसल में व्यापक स्तर पर नुकसान हो सकता है.
वहीं, राजस्थान के करीब एक दर्जन से ज्यादा जिलों में मौसम का मिजाज बदला है. जोधपुर, पाली, राजसमंद, उदयपुर, प्रतापगढ़, चित्तोडगढ़, भीलवाड़ा, अजमेर, जयपुर, बूंदी, टोंक, नागौर, कोटा, बारां, झालावाड़ जिलों और आसपास के क्षेत्रों में मौसम बदला है. कहीं-कहीं मेघगर्जन, आकाशीय बिजली, तेज हवाओं की चेतावनी दी गई है. 30 से 40 किमी की रफ्तार के साथ हल्की से मध्यम बारिश की चेतावनी भी दी गई है. कई जिलों में ओलावृष्टि की चेतावनी भी गई है.
Report: Vivek Upadhyay